JHANSI: रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. सुशील कुमार सिंह ने क्षेत्रीय किसानों को पपीता की नर्सरी लगाने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय (जून माह) पपीता की नर्सरी लगाने के लिए सबसे उपयुक्त है, क्योंकि बरसात के दौरान नर्सरी लगाना कठिन हो जाता है। डॉ. सिंह ने बताया कि एक हेक्टेयर क्षेत्र के लिए लगभग 250 से 300 ग्राम बीज पर्याप्त होता है। नर्सरी के लिए छोटे प्लास्टिक थैलों में आधी मिट्टी और आधी गोबर की खाद मिलाकर भरें, जिससे पौधों की अच्छी वृद्धि हो सके। रोपण के लिए पौधे की आयु कम से कम 40 दिन की होनी चाहिए।पौधों के बीच 1.5 से 2 मीटर की दूरी बनाए रखें और खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था अवश्य करें, क्योंकि जलभराव से पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं। डॉ. सिंह ने विशेष रूप से आरका सूर्या, पूसा जेन्ट, पूसा डवारफ और रेडलेडी 786 जैसी प्रजातियों की अनुशंसा की है, जिनसे किसान एक वर्ष के भीतर अच्छे फलों की प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसान भाई पपीते के साथ – साथ धनिया और मेथी की अंतरवर्ती खेती करके अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।