Home उत्तर प्रदेश पुर्व विधायक व मंत्री स्व.मो.सफीउर्रहमान अंसारी का 28वीं पुण्यतिथि मनाया गया

पुर्व विधायक व मंत्री स्व.मो.सफीउर्रहमान अंसारी का 28वीं पुण्यतिथि मनाया गया

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वाराणसी।स्व.मो.सफीउर्रहमान अन्सारी साहब की आज 28वीं पुण्यतिथि है। आज ही के दिन 29 दिसम्बर 1995 को दिल का दौरा पड़ने से देहान्त हो गया था। इनका जन्म साधारण बुनकर परिवार में हुआ था। उन्होने राजनीति की में शुरुआत 1964 में नगर महापालिका वाराणसी मे कारपोरेटर से की थी।वे 1974 तक इस पद पर रहे। तदुपरांत 1974 के विधानसभा के आम चुनाव में जनसंघ के उम्मीदवार शंकर प्रसाद जायसवाल को पराजित किया।1980 में पुनः काग्रेस ने उन्हे उम्मीदवार बनाया। इस बार भी उन्होने भाजपा उम्मीदवार शफीउल्लाह अन्सारी को पराजित किया।1984 के विधानसभा के आम चुनाव में काग्रेस ने पुनः उनपर भरोसा करते हुये अपना उम्मीदवार बनाया और फिर उन्होने भाजपा उम्मीदवार अमरनाथ यादव को पराजित किया।और वे नारायण दत्त तिवारी मंत्रीमंडल में उघोग मंत्री बने। अन्सारी साहब एक अच्छे पत्रकार भी थे। उन्होने बनारस में उर्दू पत्रकारिता में जान फूंकने के लिये , बनारस के दबे हुये लोगों और समाज की आवाज़ को बुलन्द करने के लिये उन्होने 1964 में उर्दू दैनिक कौमी मोर्चा का प्रकाशन किया।जो उस समय का पूर्वाचल का एकमात्र दैनिक समाचार पत्र था। जिसका प्रकाशन आज भी हो रहा है।अन्सारी साहब की उर्दु, फारसी, हिन्दी व अंग्रेजी साहित्यिक भाषा पर अच्छी पकड़ थी। वे एक अच्छे शायर भी थे। वे एक अच्छे वक्ता भी थे। लाखों लाख श्रोताओं को सम्बोधित करने व जनसभाओं को संचालित करने की क्षमता थी। उनके समय में कोई निधि नहीं हुआ करती थी। उन्होने अपने बल पर पूरे कार्यकाल में बीस से अधिक बड़ा नलकूप व सैकड़ों ट्रांसफार्मर व विधानसभा क्षेत्र की कच्ची गलियों में खड़ंजे बिछवाये। उन्होने सामाजिक क्षेत्र में भी कार्य किया।जिसके अन्तर्गत बुनकरो के साड़ी की मन्डी के लिये बुनकर मार्केट की स्थापना की । क्षेत्र के लोग स्वथ्य वातावरण में जी सके।इसके लिये उन्होनें मौलाना आज़ाद बुनकर अस्पताल की स्थापना की। जिसकी आधारशिला तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के पुत्र और तत्कालीन सांसद संजय गांधी ने 1976 में रखी।जो आज भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में गरीब एवं असहाय लोगों की सेवा कर रहा है। अन्सारी जी धर्म निर्पेक्ष एवं गंगा जमुनी तहज़ीब की एक अलमबरदार थे। सभी सम्प्रदाय के लोग उनका आदर करते थे। आज भी वे लोंगों के दिल में जिन्दा मिसाल हैं। ऐसे महापुरुष की पुण्यतिथि पर उन्हे खेराजे अक़ीदत पेश करते हुये अल्लाह से दुआ है कि उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान कर जन्नत में आला मुकाम अता फरमाये।अन्सारी साहब आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।