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आलू के सहारे दुष्कर्म का आरोपी जिला जेल से फरार, कोलकाता भागने के फिराक एसटीएफ के हत्थे चढ़ा

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वाराणसी। जिला जेल से बीते शनिवार को फरार दुष्कर्म के आरोपी को एसटीएफ वाराणसी यूनिट ने आज सोमवार को भोर में भोजूबीर स्थित यूपी कॉलेज के पास से गिरफ्तार कर लिया गयाध् एसटीएफ के अनुसार बताया जाता है कि आरोपी राजू सिंह उर्फ राजू बंगाली ने पूछताछ में बताया कि जेल में आने के अगले दिन से ही भागने की कोशिश में जुटा था।बीते शनिवार को शातिर राजू हाथ में मुलाकातियों की मुहर लगवाकर फरार हो गया था। लालपुर- पाडेयपुर निवासी राजू बंगाली ने एसटीएफ को बताया कि जेल में बंदियों से मुलाकात के लिए आने वाले उनके परिजनों और करीबियों को देखता था। उनके हाथ में जो मुहर लगाई जाती थी उसपर ध्यान देता था।इसी क्रम में उसे पता चला कि मुलाकातियों को लगने वाला मुहर हर दिन बदल दिया जाता था। इसके बाद से ही वह मुहर की नकल कागज पर उतारने लगा। इस बीच जेल में ही उसे आलू मिल गया। राजू फिर नकली मुहर आलू पर तैयार करने लगा।उसने एसटीएफ को पुछताछ में बताया कि शनिवार को जो मुहर लगने वाली थी उसकी जानकारी उसे पहले से ही था।जो योजनाबद्ध तरीके से उसने आलू पर वही मुहर बनाया जो शनिवार को प्रयोग हो रहा था। इसी मुहर को राजू ने हाथ पर लगाया। दूसरे पहर के मुलाकाती जब जेल से बाहर जाने लगे तो उन्हीं की भीड़ में शामिल होकर जेल कर्मियों को चकमा देते हुए वह बाहर निकल गया। जेल से निकलने के बाद वह मुकदमा दर्ज कराने वाली दुष्कर्म पीड़िता के घर पहुंच कर उसे धमकी दिया।तथा पुलिस की सक्रियता बढ़ा तो वह अंडर ग्राउंड हो गया।आज सोमवार को वह पीडीडीयू नगर से ट्रेन पकड़कर कोलकाता भागने की फिराक में था। इसी बीच मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ वाराणसी यूनिट ने दबोच कर उसे लालपुर पांडेयपुर थाने की पुलिस को सौंप दिया।अब इस बात की जांच की जा रही है कि जेल में मुलाकातियों के हाथ पर लगने वाली मुहर की स्याही राजू तक कैसे पहुंचा।तथा बंदी राजू के फरार होने में लापरवाही उजागर होने के बाद भी जेल प्रशासन ने तेजी क्यों नहीं दिखाया। बंदी दोपहर में ही जेल से भागा था, लेकिन अफसर व कर्मचारी बेफिक्र रहे। शाम के समय गणना के दौरान भी किसी का ध्यान नहीं गया कि बंदी राजू कहां है। बताया जा रहा है कि जेल कर्मियों की मिलीभगत से ही राजू अपने हाथ में मुलाकातियों वाली मुहर लगवाने में और फिर बाहर निकलने में सफल रहा।जिला जेल के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की जवाबदेही सुनिश्चित कर विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।वही जेल अधीक्षक ए.के सक्सेना ने जेल कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश शासन से की है।