अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के कारण धर्मशाला-चतरो-गगल मार्ग पर यातायात बाधित हो गया है और सड़क को दोबारा चालू करने का काम जारी है। वहीं, अपर शिमला क्षेत्र में ताउणी-हाटकोटी मार्ग का एक हिस्सा भी भूस्खलन की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया है।
मौसम विभाग ने रविवार, सोमवार, बुधवार और बृहस्पतिवार के लिए कुछ स्थानों पर अत्याधिक भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट और मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य में सबसे अधिक बारिश नाहन में 84.7 मिमी दर्ज की गई, इसके बाद पंडोह में 35 मिमी, स्लैपर में 26.3 मिमी, सराहन में 20.5 मिमी, पांवटा साहिब में 19.8 मिमी, जोगिंदरनगर में 19 मिमी, पच्छाद में 17.2 मिमी, रामपुर में 15.6 मिमी और गोहर में 15 मिमी बारिश हुई।
सुंदरनगर, शिमला और कांगड़ा में गरज के साथ बारिश हुई, जबकि बजौरा में 37 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मध्य और निचले पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश से भूस्खलन, कीचड़ धंसने, निचले क्षेत्रों में जलभराव, कमजोर संरचनाओं को आंशिक नुकसान, फिसलन भरी सड़कों पर वाहन फिसलने और दृश्यता बाधित होने की समस्या हो सकती है। पूर्वानुमान के अनुसार, अगले दो से तीन दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।