PRAYAGRAJ हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज में शुक्रवार को महाविद्यालय के गोल्डन जुबली वर्ष ‘आंचल से परचम तक’ के व्याख्यान श्रृंखला का उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि प्रोफेसर मनमोहन कृष्ण पूर्व विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग एवं विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर आशीष सक्सेना विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज रहे। व्याख्यान श्रृंखला का पहला व्याख्यान “महिलाओं की उद्यमिता:स्थिति चुनौतियां एवं अवसर” समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित हुआ। महिलाओं में उद्यमशीलता विकसित करने एवं उनके सामने आने वाली चुनौतियां से संबंधित विस्तृत व्याख्यान हुआ । कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि प्रोफेसर मनमोहन कृष्ण ने महिलाओं के उद्यमशीलता हेतु छात्राओं में उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि समय के परिवर्तन को समझना होगा। अपनी पहचान बनाए। मार्केट में महिलाएं कहां हैं उसको पहचानिए। समाज में असमानता है, महिलाओं को अभी भी निर्णय लेने का अधिकार नहीं है या बहुत कम क्षेत्रों में है।अदृश्य महिला की बात करते हुए कहा कि महिलाएं काम बहुत करती हैं परंतु मार्केट में उनका प्रतिनिधित्व बहुत काम होता है उनके काम को उपेक्षित किया जाता है क्योंकि उसमें गुणवत्ता की कमी होती है। कुछ करने के लिए निर्णय लेने होंगे। छात्राओं को आत्मसक्षम बनने के उपाय सुझाया। उद्यमशीलता का अर्थ बताते हुए कहा कि जहां से जोखिम शुरू होता है उद्यम वहीं जन्म लेता है । महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अंबेडकर की बात याद की। आप पढ़ो और फिर लडो यानी अपने अंदर पहले विश्वास और योग्यता उत्पन्न करिए फिर अपने अधिकारों के लिए खड़े होइए। आप लोग छोटे-छोटे प्रयासों से उत्पादन के बारे में सोचिए उपभोक्ता का जीवन जीने की बजाय उत्पादक बनिए और वर्तमान समय में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी प्रयोग करें। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर आशीष सक्सेना ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि महिलाओं को स्वयं से आजाद होने की जरूरत है और असमानता में समानता खोजने का प्रयास करना चाहिए अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्हें आत्म प्रतिबद्ध होना चाहिए इसके साथ नवाचारी बने और उद्यमिता की ओर एक कदम बढ़ाना चाहिए। उद्यमशीलता के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बहुत है इसलिए क्षमता को बढ़ाएं गुणवत्तायुक्त कौशल को उत्पन्न कर वैकल्पिक मार्गों की ओर अग्रसर हों। उपलब्ध भारतीय संसाधनों में आधुनिक तकनीक का मिश्रण कर नए मुकाम बना सकते हैं। प्राचार्या प्रोफेसर नासेहा उस्मानी ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ ईश्वर की हम्द (तारीफ) से हुआ, जिसे बीए तृतीय वर्ष की छात्रा अलशिफा में प्रस्तुत किया। अतिथियों का फूलों के पौधों एवं मोमेंटो से स्वागत किया गया। कार्यक्रम मे महाविद्यालय की सभी टीचिंग स्टाफ, स्नातक, परास्नातक छात्राएं एवं एलुमनाई भी प्रतिभागी रहे। छात्राओं ने उद्यमशीलता से संबंधित तमाम प्रश्न मुख्य अतिथियों से पूछे और उन्हें संतोषजनक उत्तर प्राप्त हुए। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर एरम फरीद उस्मानी समाजशास्त्र विभाग ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापित डॉ ज़रीना बेगम एसोसिएट प्रोफेसर उर्दू विभाग ने किया। कार्यक्रम का संयोजिका डॉ इरम फरीद उस्मानी, ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री शरमीन फातिमा एवं हुसैन बानो समाजशास्त्र विभाग रहीं।