उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे हुए 41 मजदूरों को 17वें दिन मंगलवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस अभियान में बुलंदशहर के पांच मजदूरों की भी अहम भूमिका रही है। दरअसल, बुलंदशहर से भी पांच मजदूरों को उनकी मदद के लिए उत्तराखंड बुलाया गया। बाद में रेस्क्यू ऑपरेशन की एक टीम उन्हें लेकर गई और इन्होंने टनल की खुदाई की।
बुलंदशहर: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में दीपावली के दिन अंधेरी सुरंग में फंसे मजदूरों को निकलने के लिए एनडीआरएफ, सेना के जवान सहित अनेक एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी थी। यही नहीं अमेरिका की ऑगर मशीन का भी प्रयोग किया गया। इसके बाद जब मजदूरों तक रेस्क्यू टीमें 25 नवंबर तक नहीं पहुंच सकी तो रैट माइनर्स को बुलाया गया। बुलंदशहर के रैट माइनर देवेंद्र ने बताया कि उत्तराखंड सरकार और रेस्क्यू टीम ने बुलंदशहर के गांव अख्तियारपुर निवासी रैट माइनर्स देवेंद्र और मोनू (सगे भाई), अंकुर, जतिन और सौरभ (सगे भाई) को उत्तर कांशी बुलाया। जहां 6 रैट माइनर्स यूपी से और 6 रैट माइनर्स दिल्ली से थे।12 सदस्यीय रैट माइनर्स का दल 26 नवंबर को सुरंग में प्रवेश कर गया। दूसरी तरफ अब इस दल ने योगी सरकार से पक्के मकान की उम्मीद जताई है।