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लोक कलाकारों ने गीतों के माध्यम से पर्यावरण व स्वच्छता के प्रति लोगों को किया जागरूक

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प्रयागराज हंडिया तहसील क्षेत्र के पूरेगोबई गांव के बाबा बेलनाथ मंदिर परिसर में शुक्रवार को लोक कला महासंघ के तत्वाधान में कलाकारों ने एक बैठक कर लोक कला की विशेषताओं पर चर्चा कर इस कला को जीवित रखने के लिए लोगों से अपील किया। कलाकारों ने गीतों के माध्यम से पर्यावरण व स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ बेटी बचाओ का संदेश दिया। इस दौरान ने लोक कलाकार हरीलाल दास ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। आगे हरी लाल दास ने कहा कि  लोक गीत हृदय के खेत में उगते हैं, सुख के गीत उमंग के जात से जन्म लेते हैं और दुःख के गीत तो खोलते हुए लहु से पनपते है। और आँसुओं के साथी बन जाते है। इससे स्पष्ट है कि लोक गीत मानस की उपज है। वही अपने गीतों के माध्यम से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।   इस मौके पर लोक कला महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश चंद यादव ने कहा कि गांव से जुड़े बिना लोक संस्कृतियों को नहीं बचाया जा सकता है। लोग शहरों की ओर भाग रहे हैं गांव की ओर रुख नहीं करना चाहते है। गांव से ही लोग संस्कृत बची रह सकती है। लोक कला से जुड़े कलाकारों और हित चिंतकों के बीच संवाद कर एक दूसरे से मिल बैठकर उनके बेहतरी के बारे में सोचना चाहिए। इस कला को जीवित रखने के लिए हम सब को आगे आने की जरूरत है। वही जिला अध्यक्ष गुलाबचंद मौर्य लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि भारत की मूल गायन कला लोकगीत मानस पटल से ओझल होती जा रही है।   इस मौके पर हरी लाल दास शीतला प्रसाद बिंद सुनील कुमार बिंद फुले स्विंग शिव शंकर लव-कुश शिवपूजन मूलचंद किशोर कुमार दीपचंद प्रजापति लालता प्रसाद गौड़ सूर्य बली सहित ग्रामीण उपस्थित रहे।