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मातमी मजलिस के साथ खत्म हुआ अजादारी का सिलसिला अंजुमन गुलजार-ए-कासमी की अलविदाई मजलिस में नम हुई हुसैनियों की आंखें

अंजुमन गुलज़ार ए क़ासिमी के नौहाखवान शादाब ज़मन व अन्य पुर दर्द अंदाज़ मे नौहा पेश करते हुए

प्रयागराज। मोहर्रम के चांद दिखने के साथ ही करबला के शहीदों की याद में शुरू हुआ अजादारी का 67 दिनों का सिलसिला गुरुवार को आठवीं रबीउलअव्वल को अलविदाई मजलिस के साथ खत्म हो गया।अय्यामे अज़ा का आखिरी दिन इमामबाड़ा मोजिजनुमा जद्दन मीरसाहब दरियाबाद में अंजुमन गुलज़ार-ए-क़ासिमी की जानिब से हुई अलविदा मजलिस की शुरुआत मंज़रूल हिंदी साहब की सोज़ख्वानी से हुई। उसके बाद जनाब अबुतुराब ने पेशखवानी की।मजलिस को जाकिरे अहकेबैत ज़रखेज़ नजीब ने खिताब किया। बाद ए मजलिस अंजुमन गुलज़ारे क़ासिमी के लगभग 700 से ज़्यादा आज़ादारों ने नौहा व मातम किया, जिससे वहां मौजूद सैकड़ों लोगों के आंखों मे आंसू आ गये। मजलिस में ज़ुल्जनाह, गयारवे इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम का ताबूत, व मौला अब्बास का अलम भी बरामद किया गया, जिसकी ज़ियारत कर सोगवारों की आंखे अश्कबार हो गयी।
इसके फ़ौरन बाद मशहूर नौहाखवान गुलाम अब्बास ने पुरदर्द नौहा पेश किया। जब अंजुमन गुलज़ारे कासिमी के मुख्य नौहाखवान शादाब ज़मन् ने अलविदा नौहा पढ़ा, तो कोई अपने आंसू रोक नहीं सका, शादाब ज़मन के साथ आफ़ताबे निजामत (संचालन) नजीब इलाहाबादी ने किया। नौहा ख्वानी व मातम के फराएज़ अंजुमन गुलज़ारे क़ासमी, इलाहाबाद के शादाब ज़मन, अस्करी अब्बास, ज़हीर अब्बास, यासिर ज़ैदी, एखलाक़ रज़ा, शबीह रिज़वी, एजाज़ रिज़वी, असद. अली, कामरान रिज़वी, कुमैल आदि ने अंजाम दिए। मजलिस के बाद सभी के लिए नज़रे मौला का भी एहतेमाम भी किया गया था। मजलिस में नासिर ज़ैदी, रज़ा हसनैन एडवोकेट, ताशू रिज़वी, साहब हैदर रिज़वी, मा आज़ादार हुसैन, कौनैन एडवोकेट, शादाब रज़ा अख्तर मेहदी, जावेद रिज़वी करारवी, महमूद ज़ैदी कमर अब्बास रिज़वी, खुशनूद रिज़वी आसिफ रज़ा, फ़िरोज़ आबिदी,, हसन मुस्तफा रिज़वी, एजाज नकवी, मौलाना जाबिर अब्बास, कौनेन रिज़वी, आले मेंहदी, नसीर नकवी, कब्बन,अली अब्बास आदि अकीदतमंद मौजूद रहे।

आज मनाई जाएगी ईद ए ज़हरा

अंजुमन के सरपरस्त नासिर ज़ैदी के अनुसार जानिब से अंजुमन गुलज़ार ए क़ासिमी की ओर से ईद ज़हरा की मजलिस का एहतेमाम शब मे ८ बजे डॉ मुस्तफा साहब के घर पर किया गया है