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भारतीय जनता पार्टी द्वारा आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को काला दिवस के रूप में मनाया गया

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KUSHINAGAR NEWS: बुधवार को रविन्द्र नगर जिला पंचायत सभागार में भाजपा द्वारा सेमिनार और लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह और बलिया के पूर्व जिलाध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने आपातकाल को भारतीय इतिहास का भयावह कालखंड बताते हुए कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में कानून व्यवस्था का हाल यह है कि वहां विरोध का दमन, धार्मिक तुष्टिकरण और सत्ता का अहंकार खुलेआम दिखता है। यह सब अपातकालीन सोच की ही उपज है। बतौर मुख्य वक्ता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने कहा कि 25 जून 1975 में तत्कालीन राष्ट्रपति फख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा- 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा की थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ये सबसे विवादित और अलोकतांत्रिक काल था। इस समय सारे चुनाव स्थगित हो गए और नागरिकों के अधिकारों को खत्म कर दिया गया। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया। देश के चौथे स्तंभ प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। लाखों लोकतंत्र सेनानियों में से एक थे जिन्होंने तानाशाही के विरुद्ध खड़े होकर भारत की आत्मा की रक्षा की। कई सेनानियों को तो बेड़ियों में जकड़ा गया, और उनके परिवारों को भी अमानवीय यातनाएं झेलनी पड़ीं।आपातकाल को हटाने के लिए लोकतंत्र रक्षक सेनानियों ने जो यातनाएं सहीं, त्याग और बलिदान दिया उसके लिए भारतीय लोकतंत्र सदैव आभारी रहेगा।जिलाध्यक्ष दुर्गेश राय ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय है, और 21 मार्च 1977 वह दिन है जब देश ने तानाशाही के विरुद्ध जीत दर्ज की थी। उन्होंने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक बदलाव नहीं था, बल्कि भारत के नागरिकों की आस्था, साहस और संघर्ष की विजय थी।
    अध्यक्षता करते हुए लोकतंत्र रक्षक सेनानी जिलाध्यक्ष दीनानाथ यादव ने आपातकाल के यातनाओं को साझा करते हुए बताया कि उस कालखंड की स्मृतियां जिले के लोकतंत्र रक्षक सेनानियों के जेहन में आज भी जिंदा हैं। लाखों लोकतंत्र सेनानियों में से कुशीनगर जिले के भी सैकड़ों सैकड़ों सेनानी थे जिन्होंने तानाशाही के विरुद्ध खड़े होकर भारत की आत्मा की रक्षा की। कई सेनानियों को तो बेड़ियों में जकड़ा गया, और उनके परिवारों को भी अमानवीय यातनाएँ झेलनी पड़ीं।
     कार्यक्रम को लोकतंत्र रक्षक सेनानी व भाजपा नेता बंका सिंह, पूर्व विधायक मदन गोविंद राव, फाजिलनगर विधायक सुरेंद्र सिंह कुशवाहा, पडरौना विधायक मनीष जायसवाल, रामकोला विधायक विनय प्रकाश गोंड , पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रदीप जायसवाल ने भी सम्बोधित किया। संचालन जिला उपाध्यक्ष दिवाकर मणि त्रिपाठी ने किया।
इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष जगदम्बा सिंह, लल्लन मिश्र, किसान मोर्चा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राधेश्याम पाण्डेय, हरिशंकर राय, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष अजय राय, अर्चना प्रदीप सिंह,चन्द्र प्रभा पाण्डेय, जितेन्द्र सिंह, अवधेश प्रताप सिंह, विजय कुमार शुक्ल,डॉ विनोद भारती, विवेकानंद शुक्ल, नमो नारायण मौर्य, मनीष जायसवाल बुलबुल सहित सैकड़ों पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
*इन लोकतंत्र रक्षक सेनानियों का किया गया सम्मान*
लोकतंत्र रक्षक सेनानी जिलाध्यक्ष दीनानाथ यादव, मिथिलेश पाण्डेय,बंका सिंह, पूर्व विधायक मदन गोविंद राव, उमाशंकर सोनी, राजेश्वर सिंह, राजेन्द्र अग्रवाल, राधाकृष्ण, सरिता त्रिपाठी, राजेन्द्र प्रसाद, हीरा प्रसाद,दशरथ प्रसाद, परमार्थ सिंह, कृष्ण कुमार, छोटेलाल शर्मा, राम नगीना,पारस प्रसाद, शारदा प्रसाद, बसंत प्रसाद, शम्भू यादव।