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दादरपुर में भगवताचार्य के साथ अमानवीय बर्ताव पर बवाल, सपा नेताओं ने की कठोर कार्रवाई की मांग

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ETAWA NEWS: संविधानिक मूल्यों और धार्मिक स्वतंत्रता की खुलेआम अवहेलना करते हुए महेवा के दादरपुर गांव में एक भगवताचार्य के साथ की गई अपमानजनक घटना ने समूचे क्षेत्र में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। यहां निलोई और बहोरीपुरा गांवों में आयोजित पीडीए यानी प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन की बैठक में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप बबलू शाक्य के नेतृत्व में इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। शाक्य ने कहा कि दादरपुर में एक प्रतिष्ठित भगवताचार्य के साथ जो व्यवहार हुआ—जिसमें उनकी चोटी काटी गई, सिर मुंडवाया गया और नाक रगड़ने को मजबूर किया गया। वह न केवल शर्मनाक है, बल्कि लोकतांत्रिक समाज की जड़ों को हिला देने वाला कृत्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह घटना उन लोगों की मानसिकता को दर्शाती है जो धार्मिक असहिष्णुता और भय का माहौल बनाकर समाज में विभाजन फैलाना चाहते हैं। बैठक में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि इस घटना में शामिल कुछ लोग गांजा तस्करी जैसे आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं, लेकिन पुलिस ने केवल चार लोगों को गिरफ्तार कर मामले की इतिश्री कर दी है। पीडीए नेताओं ने कहा कि यदि इस मामले में सभी दोषियों की गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो पार्टी नेता अखिलेश यादव के आह्वान पर कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर जन आंदोलन शुरू करेंगे। शाक्य ने बैठक के दौरान कहा कि भागवताचार्य केवल किसी पंथ विशेष के नहीं होते, वे भारतीय संस्कृति की साझा विरासत हैं। उनके साथ किया गया अपमान हम सबका अपमान है। बैठक में एक अन्य गंभीर मुद्दा भी प्रमुखता से उठा प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी प्राइमरी स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का। सपा नेताओं ने इसे एक ‘राजनीतिक साजिश’ बताया जिसका उद्देश्य मतदान केंद्रों की संख्या कम करके ग्रामीण वोटरों को भ्रमित करना है। जब स्कूल ही नहीं होंगे तो मतदान केंद्र कहाँ लगेंगे? यह व्यवस्था गाँव के गरीब और वंचित तबके को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से दूर रखने की चाल है, श्री शाक्य ने कहा। इस बैठक में कन्नौज पीडीए प्रभारी अनिल प्रताप सिंह, उदय भान सिंह यादव, विधायक प्रतिनिधि अजेन्द्र सिंह गौर, रामवीर सिंह, जितेन्द्र मोना यादव, खन्ना यादव, सुनील यादव, अशोक क्रांतिकारी, इन्द्रेश फौजी, अनवर सिंह, आलोक गांगलस, सूरज पाल, शिवप्रकाश सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। वक्ताओं ने एक स्वर में संगठन की एकता और नेतृत्व में विश्वास को दोहराया।