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जी-20 एवम् विश्व में भारत की बढ़ती भूमिका पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सकुशल संपन्न

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राजेंद्र प्रसाद जायसवाल
वाराणसी।इण्डियन एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट (आई.ए.जे.) एवं सामाजिक विज्ञान विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में आज हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी “जी-20 एवम् विश्व में भारत की बढ़ती भूमिका विषय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन पाणिनि भवन सभागार, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में सम्पन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता प्रो. हरेराम त्रिपाठी (कुलपति- सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी)  मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. रजनीकान्त तथा विशिष्ट अतिथि प्रो. हीरक कान्तरवर्ती (संकायाध्यक्ष, आधुनिक ज्ञान विज्ञान विभाग) एवं श्रीमती बन्दना सिंह (नेशनल प्लेवर बॉल विनर,कोहिनूर मिसेज इण्डिया इन्टरनेशनल-2022) रही।
समारोह का शुभारम्भ मंगलाचरण, सरस्वती बन्दना, माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन से हुआ। राष्ट्रीय संगोष्ठी जी-20 एवम् विश्व में भारत की बढ़ती भूमिका पर विषय प्रवेश प्रो. शैलेश कुमार मिश्र ने किया।अन्य वक्ताओं ने अपना विचार रखा। वार्षिक बुलेटिन दृष्टि का विमोचन मुख्य अतिथि ने किया। चयनित राष्ट्रीय अलंकरण काशीरन / शान-ए-काशी 2023 नाम की घोषणा इण्डियन एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संयोजक डी. कैलाश सिंह विकाश ने घोषणा की। सभी चयनित विभूतियों को अलंकरण पत्र, स्मृति चिन्ह्, बैच, बुलेटिन दृष्टि देकर अलंकृत किया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि पद्मश्री डा रजनीकान्त ने कहा कि जी-20 का प्रतिनिधित्व करना देश के लिए गौरव की बात सबसे अधिक बैठक अपने काशी नगरी में होना भी काशी के लिए गौरव है। भारत फिर से सोने की चिड़िया बनने जा रहा है, हमें अपने विरासत पर गर्व करना चाहिए।अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि जी-20 नई शिक्षा नीति का परिणाम है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य वसुधैव कुटुम्बकम् से है। हमें ऋषियों के तह तक जाना होगा। भारत आर्थिक और महाशक्ति के रूप में उभरेगा।