जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन कार्याे का किया स्थलीय निरीक्षणवीएनजीआईसी में प्रोजेक्ट अलंकार के तहत मल्टीपरपज हाल, पुस्तकालय, प्रयोगशाला व शौचालय ब्लॉक्स निर्माण कार्य पिछले 06 माह से ठप पाये जाने पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यदायी संस्था प्रभारी पर एफआईआर दर्ज कराते हुए ब्लैकलिस्टेड करने का दिया निर्देशभदोही। माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्त द्वारा विगत दिनों नोडल अधिकारी के रूप में स्थलीय निरीक्षण पश्चात् उनके निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी शैलेष कुमार ने वीएनजीआईसी ज्ञानपुर में प्रोजेक्ट अलंकार के अन्तर्गत निर्माणाधीन कार्याे का स्थलीय निरीक्षण किया। वीएनजीआईसी के एकेडमिक ब्लॉक में वर्ष 2022-23 में प्रोजेक्ट अलंकार योजना के अन्तर्गत कुल 04 कार्य स्वीकृत हुए थे। जिसमें मल्टीपरपज हाल-48.55 लाख, प्रयोगशाला 18 लाख, पुस्तकालय रूपये 18.96 लाख, शौचालय ब्लॉक्स रूपये 15.94 लाख स्वीकृत हुए थे। जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान जेई से पूछताछ कि कौन सी एजेंसी काम कर रही है, उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था उ0प्र0 श्रम एवं निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड (यूपीसीएलडीएफ) कार्य कर रही है। उक्त कार्यों हेतु प्रावधानित कुल रुपये 101.45 लाख कार्यदायी संस्था को जारी हो चुका है, किन्तु मल्टीपरपज हाल, जो रुपये 48.55 लाख का बनना था, उसमें केवल पिलर खड़े होने पाये गये हैं, गत 06 माह से कार्य ठप है जो अत्यन्त खेदजनक है। जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य में कार्यदायी संस्था द्वारा धीमी प्रगति व सही ढंग से जबाब न देने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एफआईआर दर्ज कराने हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान को निर्देश दिया। साथ ही कार्य में शिथिलता व लापरवाही बरतने पर कार्यदायी संस्था को ब्लैकलिस्टेड करने का निर्देश दिया। प्रयोगशाला व पुस्तकालय की छत पड़ गई है, किन्तु आगे कार्य रुका पड़ा है, जबकि शौचालय ब्लॉक्स में अभी छत नहीं पड़ी है। मौके पर मौजूद यूपीसीएलडीएफ के सहायक अभियन्ता हरेन्द्र नाथ वर्मा ने बताया कि ठेकेदार आठ माह से नहीं आ रहा है। उसे कई बार नोटिस जारी की गयीं, किन्तु जब एई से पूछा गया कि एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराये? तो वे निरुत्तर हो गये। ज्ञात हुआ कि यूपीसीएलडीएफ के चीफ इंजीनियर परीक्षित नारायण व अधिशासी अभियन्ता अतुल श्रीवास्तव न तो किसी बैठक में आते हैं, न ही उक्त कार्यों का वे कभी पर्यवेक्षण करते हैं। सहायक अभियन्ता मिर्जापुर मण्डल के तीनों जनपदों का प्रभार देख रहे हैं, जो स्वयं असहाय स्थिति में दिखे। वर्ष 2022-23 में स्वीकृत इन कार्यों का अभी तक पूर्ण न हो पाना व शत-प्रतिशत धनराशि कार्यदायी संस्था द्वारा दबाकर बैठ जाना तथा ठेकेदार पर कोई नियन्त्रण न स्थापित करके समय से कार्य पूरा न करा पाना अत्यन्त खेदजनक है। तत्पश्चात् जिलाधिकारी ने चकसुन्दरपुर में बन रहे जल निगम की टंकी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि ईट व छड़ की गुणवत्ता अत्यन्त ही खराबजनक है। कार्य स्थल पर कोई भी प्रोजेक्ट जेई नही है सिर्फ ठेकेदार मिस्त्री के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है जो अत्यन्त ही खेदजनक है। जिलाधिकारी ने वहॉ के ठेकेदार को स्पष्टीकरण जारी करने का निर्देश दिया। जेई से पूछे जाने पर ईट की गुणवत्ता क्यों खराब है तो उनके द्वारा बताया गया कि ये टैंक के लिए लाया गया है, लेकिन टैंक के पूरी तरह से बनकर तैयार होने पर नाराजगी जताई और डीएम ने सख्त निर्देश दिया कि ए ग्रेड क्वालिटी ईटो का ही प्रयोग होगा। तत्पश्चात् जिलाधिकारी ने हिन्छनपुर पाईप पेयजल योजना का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पानी टंकी का आधा अधूरा कार्य होने व पाईप पेयजल योजना के पानी टंकी का लोकापर्ण जनप्रतिनिधियों द्वारा 26 मार्च 2025 में ही करा लिया गया है, जिस पर जिलाधिकारी ने एक्सईएन जल निगम को निर्देश दिया कि बिना कार्य पूर्ण हुए लोकापर्ण करा देना अत्यन्त ही खेदजनक है। फर्स में दरार पाए जाने पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए तोड़वाकर पुनः बनाने का निर्देश दिया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 शिवाकांत द्विवेदी, अधिशासी अभियंता जल निगम मुजीब अहमद, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चन्द्र व सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।