Home उत्तर प्रदेश छुटमलपुर में गोल्डन सिटी के नाम से काटी गई कालोनी के कॉलोनाइजर्स...

छुटमलपुर में गोल्डन सिटी के नाम से काटी गई कालोनी के कॉलोनाइजर्स पर लाखों की ठगी का आरोप

6
0

पीड़ितों ने एसएसपी को शिकायती पत्र देकर लगाई न्याय की गुहार

SAHARANPUR: छुटमलपुर में हवाना रोड गंदेवड़ा बाईपास पर कॉलोनाइजर्स द्वारा कालोनी काटी गई जिससे नगर पंचायत के अधिकारी भी अंजान रहे नियमों को ताक पर रखकर काटी गई इस कालोनी के कॉलोनाइजर्स पर फ्लोटिंग बेचने का पैसा लेकर एक प्लॉट दो-दो और तीन-तीन लोगों को बेचने की क्षेत्र में चर्चा जोरों पर है। आधा दर्जन से अधिक लोगों ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उनके साथ ठगी की गई है उनसे तय समय सीमा पर सीमा पर पैसा ले लिया गया बावजूद उसके उनके नाम रजिस्ट्री नहीं कराई, पैसा देने वालों ने जब पता किया तो उन प्लोटों की रजिस्ट्री तीसरी पार्टी के नाम करा दी गई जिससे विवाद खड़ा हो गया और कुछ लोगों ने आरोप लगाया एक प्लॉट को बेचने के नाम पर तीन-तीन लोगों से पैसे लिए गए प्लाटिंग खरीदारों ने कॉलोनाइजर्स पर उनके साथ ठगी करने का आरोप लगाया है। मनीसा, परवेज अली, असलम, आस मौ०, मुरसलीन, शहनाज, उस्मान, आदि लोगों ने फतेहपुर थाना प्रभारी और सहारनपुर एसएसपी शिकायती पत्र सौंपकर ठगी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की हैं। इस संबंध में फतेहपुर थाना प्रभारी सचिन पूनिया ने बताया कॉलोनी में प्लाटिंग के नाम पर कुछ लोगों से पैसे लेकर ठगी करने की शिकायत मिली है जिसकी जांच की जा रही है। वही जब नगर पंचायत के ईओ से कॉलोनी के संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने इस कॉलोनी के नाम की अभिज्ञता दर्शा दी जबकि कई वर्षों से यह कालोनी काटी जा रही है जिसमें सैकड़ो लोगों को प्लॉट बेच दिए गए।
क्या है कॉलोनी काटने के नियम?
नगर में जहां भी नवीन कॉलोनियां काटी जा रही हैं, उनका सबसे पहले राजस्व विभाग में डायवर्सन होना चाहिए, लेकिन कॉलोनाइजर रजिस्ट्रेशन फीस से बचने के चक्कर में डायवर्सन नहीं कराते हैं। जिससे राजस्व की चोरी खुलेआम की जा रही है। कॉलोनी में नियमावली के अनुसार पक्की रोड, नाली, पानी की सुविधा, बिजली, खंभों पर स्ट्रीट लाइटें, पार्क आदि की सुविधाएं होनी चाहिए। मगर कॉलोनाइजर यह सब सुविधा अपने कैटलॉग में देकर लोगों को सुनहरे सपने दिखाते हैं। बैनामा के दौरान भी उपपंजीयक ऑफिस में यह लिखा जाता है कि जांच उपरांत जमीन बंधक नहीं पाई गई है। पर सर्विस प्रोवाइडर और रजिस्ट्रार इस पर कतई ध्यान नहीं देते हैं।
नगर पंचायत के पास नहीं है कॉलोनियों का रिकॉर्ड
कॉलोनियां काटने के लिए किसी भी व्यक्ति द्वारा लाइसेंस नहीं लिया गया है। कॉलोनाइजिंग एक्ट के तहत जमीन मालिक नियम का पालन नहीं कर रहे हैं , जबकि नगर पंचायत की बिना अनुमति नगर क्षेत्र में कॉलोनी नहीं काटी जा सकती। सबसे बड़ी बात तो यह है कि प्रशासन के पास कॉलोनियों का रिकॉर्ड तक नहीं है।
अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई न होने की वजह से नगर के कई इलाकों में अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही है। जिससे कृषि योग्य जमीन को भी कॉलोनी में परिवर्तित कर दिया गया है।
बड़ा सवाल है क्या क्षेत्र में काटी जा रही अवैध कॉलोनियों की जांच होगी? क्या मानकों को ताक पर रखकर काटी गई कॉलोनियों पर सरकार का बुलडोजर चलेगा?