उत्तराखंड में यूपी पुलिस एनकाउंटर: माफिया का पीछा करने में महिला की मौत? दो राज्यों की पुलिस आमने सामने
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में उत्तर प्रदेश पुलिस और खनन माफिया के बीच फायरिंग का मामला गर्माता जा रहा है। उत्तराखंड और यूपी पुलिस आमने-सामने है। इस मामले में उत्तराखंड पुलिस ने यूपी पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास, लूट और मारपीट की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
बुधवार, 12 अक्टूबर को उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में यूपी पुलिस और खनन माफिया के बीच फायरिंग हुई। मुरादाबाद पुलिस की टीम खनन माफिया जफर का पीछा करते हुए उधम सिंह नगर पहुंची थी। भरतपुर गांव में हुई फायरिंग में ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की गोली लगने से मौत हो गई. वहीं यूपी के 5 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दो पुलिसकर्मियों को गोली भी लगी है।तीन पुलिसवालों के हथियार भी गायब हैं।
मुरादाबाद पुलिस के डीआईजी शलभ माथुर के मुताबिक, आरोपी जफर उत्तर प्रदेश बॉर्डर से होता हुआ उत्तराखंड में दाखिल हुआ। इस दौरान वह एक घर में जाकर छिप गया।जब यूपी पुलिस की टीम वहां पहुंची तो उन्हें बंधक बना लिया गया।पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की गई। जब पुलिसकर्मियों ने भागने का प्रयास किया तो फायरिंग की गई।इस घटना के बाद यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
खनन माफिया को पकड़ने के लिए पुलिस एक घर में दबिश देने पहुंची थी, जिसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं दी गयी थी।उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि, “बिना किसी सूचना के मुरादाबाद से आई पुलिस टीम ने रेड की है।कोई भी पुलिसकर्मी वर्दी में नहीं था। कौन लोग आए थे, कितने लोग थे? इसकी जांच की जा रही है. टीमें गठित कर दी गई है।
इस मामले में मृतका के पति गुरतेज सिंह ने अपनी तहरीर में बताया है कि, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की ठाकुरद्वारा पुलिस के 10-12 लोग उनके घर पर आए। पूछने पर सिविल ड्रेस में पुलिसवालों ने बताया कि वह एक व्यक्ति की तलाश में आए हैं। इस दौरान पुलिसवालों ने घरवालों के साथ गाली-गौलज की।पुलिसकर्मियों के मुंह से शराब की बदबू भी आ रही थी।गुरतेज सिंह ने आरोप लगाया है कि घर में घुसे पुलिस वालों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें उनकी पत्नी गुरजीत कौर के सीने में गोली लगने से मौत हो गई।
इस पूरे घटनाक्रम में महिला की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई या बदमाशों की गोली लगने से हुई, यह एक बड़ा सवाल है। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है।
इस मामले में गुरतेज सिंह की शिकायत के आधार पर उत्तराखंड पुलिस ने यूपी पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कुंडा पुलिस ने हत्या सहित अन्य संगीन धाराओं में 10-12 पुलिसवालों के खिलाफ केस दर्ज किया है।उत्तराखंड पुलिस ने IPC की धारा 147, 148, 149, 302, 425, 504 और 120-B के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
वहीं इस मामले में यूपी पुलिस ने भी आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास, लूट और मारपीट की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।यह मुकदमा खनन माफिया जफर और जिस घर में कल मुठभेड़ हुई थी उस घर के मालिक के खिलाफ हुई है।
यूपी की ठाकुरद्वारा पुलिस को इनपुट मिला था कि खनन माफिया ने काशीपुर के कुंडा में एक सफेदपोश के घर शरण ली है। उसके पकड़ने पुलिस ने बुधवार की शाम दबिश दी। लेकिन इस दौरान गोलीबारी हुई जिसमें एक की मौत हो गई।उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में बड़ा बवाल हो गया। कुंडा थाना क्षेत्र के भरतपुर गांव में बुधवार शाम दबिश देने आई यूपी के मुरादाबाद की ठाकुरद्वारा पुलिस और ग्रामीणों के बीच फायरिंग हो गई।
फायरिंग में जसपुर के ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख की पत्नी की गोली लगने से अस्पताल में मौत हो गई। घटना में ठाकुरद्वारा पुलिस के एक दारोगा समेत पांच सिपाही भी घायल हो गए। पुलिस के 10-12 अज्ञात लोगों के विरुद्ध हत्या, बलवा, धमकी और आपराधिक षड़यंत्र की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।फॉरेसिक टीम ने घटनास्थल से तीन सर्विस पिस्टल, कारतूस, टोपी और मोबाइल बरामद किया
बुधवार शाम सादी वर्दी में ठाकुरद्वारा पुलिस की टीम दो वाहनों से भरतपुर गांव में जसपुर के ज्येष्ठ ब्लाक उप प्रमुख गुरताज भुल्लर के घर पहुंचीं। यूपी पुलिस को सूचना मिली थी कि डिलारी क्षेत्र के कांकरखेड़ा निवासी 50 हजार का इनामी बदमाश जफर भरतपुर में ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख गुरताज भुल्लर के घर छिपा है।टीम ने जैसे ही आरोपित की तलाश शुरू की, ज्येष्ठ प्रमुख और टीम के बीच कहासुनी हो गई। विवाद बढ़ते ही दोनों ओर से फायरिंग शुरू हो गई।इसी दौरान एक गोली गुरताज की पत्नी गुरप्रीत कौर को लग गई। उसे स्वजन मुरादाबाद रोड स्थित अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।वहीं ठाकुरद्वारा पुलिस के शिवकुमार, राहुल सिंह, संगम, सुमित राठी व अनिल कुमार घायल हो गए। सभी को उपचार के लिए मुरादाबाद ले जाया गया।पुलिस ने आरोपित भाई को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया, घटना के बाद से हड़कंप मचा है।
दो पुलिसकर्मी मिसिंग हैं, जिन्हें ढूंढने के लिए यूपी पुलिस और उत्तराखंड पुलिस प्रयास कर रही है। इसके साथ ही तीन पुलिसकर्मियों के हथियार भी गायब हैं। ये हथियार पुलिस व खनन माफियाओं के बीच हुई फायरिंग में गायब हुए हैं।
दो राज्यों का मामला होने के चलते मामले में आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए। मुरादाबाद के एसएसपी हेमंत कुटियाल ने बताया कि 13 सितंबर को एसडीएम और खनन अधिकारी को बंधक बनाने के मामले में पुलिस ने खनन माफिया के विरुद्ध अभियान चलाया हुआ है।बुधवार को ठाकुरद्वारा पुलिस की टीम भरतपुर गांव में 50 हजार के इनामी खनन माफिया जफर को गिरफ्तार करने पहुंची थी।आरोपितों ने पुलिस टीम पर फायरिंग करके जफर को छुड़ा लिया। पांच सिपाहियों को भी गोली लगी है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपितों ने दारोगा को भी बंधक बनाकर उसका हाथ तोड़ दिया।
दरअसल औद्योगिक नगरी काशीपुर बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हरियाणा तथा यूपी के नामी गिरामी बदमाशों के साथ ही आतंकियों की भी शरणस्थली बन चुकी है। यही वजह है कि बदमाशों की सूचना पर जब स्थानीय पुलिस के साथ ही बाहरी राज्यों की पुलिस उन्हें पकड़ने जाती है तो विरोध शुरू हो जाता है। नौबत यहां तक आ जाती है की दोनों तरफ से फायरिंग में किसी की मौत तो कोई घायल हो जाता है।इसके परिणामस्वरूप आठ सालों में बिहार, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा के खूंखार अपराधियों को पकड़ने के दौरान पुलिस की मुठभेड़ हुई।
कुछ बानगियाँ देखें
वर्ष 2014 में पंजाब के इनामी बदमाशों की रुद्रपुर में शरण लेने की सूचना पर पंजाब पुलिस पहुंची। जब पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी। बदमाशों के हौसले इतने बुलंद थे कि दिनदहाड़े वह काशीपुर बाइपास रोड होते हुए गदरपुर की ओर फायरिंग करते हुए फरार हुए।
वर्ष 2016 में रुद्रपुर पुलिस ने काशीपुर रोड पर तेल मिल के पास यूपी क्षेत्र में दबिश दी थी। इस दौरान लोगों ने पुलिस का विरोध करते हुए हमला कर दिया था। इस दौरान पुलिस की ओर से फायरिंग हुई थी,जिससे एक युवती गोली लगने से घायल हो गई थी।
वर्ष 2017 में कांग्रेसी नेता किरन सरदार की हत्या करने के लिए बिहार और छत्तीसगढ़ से भाड़े के शूटर आए थे। इस दौरान वह कई दिनों तक ट्रांजिट कैंप में किराए में रहकर रेकी करते रहे। मौका मिलते ही उन्होंने किरन सरदार के कार्यालय में स्टेनगन से ताबड़तोड़ कई राउंड फायर कर दी थी। हालांकि बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने मुठभेड़ के बाद लोगों की मदद से उन्हें दबोच लिया था।
17 नवंबर 2020 को सितारगंज में पुलिस पर चेकिंग के दौरान हरियाणा के तीन इनामी बदमाशों से मुठभेड़ हो गई थी। इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जब जांच की गई तो पता चला वह लंबे समय से सितारगंज में किराए में रह रहे थे। गिरफ्तार बदमाश पवन पर एक लाख रुपये, मोनू पर 50 और आशीष पर 25 हजार का इनाम घोषित था।
19 जुलाई 2021 को स्पेशल टास्क फोर्स को पंजाब के क्राइम कंट्रोल यूनिट से सूचना मिली कि पंजाब के खूंखार गैंगस्टर काशीपुर में शरण लिए हुए हैं। जिसक बाद एसटीएफ कुमाऊं मंडल और पंजाब की क्राइम कंट्रोल यूनिट की खूंखार गैंगस्टरों से काशीपुर के गुलजारपुर गांव में मुठभेड़ हो गई है। जिसमें तीन गैंगस्टर समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
7 अक्टूबर 2022 को वांछित बदमाश की धड़पकड़ को बिजनौर पुलिस ने गदरपुर पुलिस के साथ दबिश दी थी। इस दौरान लोगों ने पुलिस का विरोध शुरू करते हुए हाथापाई शुरू कर दी थी। साथ ही पुलिस कर्मियों से बंदूक छीनने का भी प्रयास किया था।
12 अक्टूबर 2022 को यूपी के 50 हजार के इनामी खनन माफिया और बदमाश को पकड़ने के लिए मुरादाबाद से पुलिस काशीपुर पहुंची। बदमाश ज्येष्ठ ब्लॉक उप प्रमुख के घर में शरण लिए हुए थे। उसे पकड़ने के दौरान दोनों ओर से फायरिंग हुई, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
दो पाली में आयोजित यूपीएसएसएससी की प्रारंभिक अहर्ता परीक्षा (PET) भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और उत्तर प्रदेश दोनों सरकारों की घोर लापरवाही, कुव्यवस्था और ध्वस्त यातायात की बलि चढ़ गई। इस घोर अव्यवस्था पर आक्रोश व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा कि बेरोजगार युवाओं और छात्रों के समर्थन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक किए गए बड़े-बड़े दावे आज फिर हवाई निकले। (PET) परीक्षा को लेकर भारतीय रेल और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की खस्ता हालात तैयारियों और लापरवाही के चलते अभ्यार्थियों को भारी अव्यवस्था का शिकार होना पड़ा। पहले से ही परीक्षा के दबाव दबाव महसूस कर रहे युवाओं को पूरी पूरी रात अपने परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए यातायात हेतु कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। 72 सीट वाले रेलवे कोच में 700 से 800 अभ्यार्थी देखे गए, सांस लेने तक में लोगों को दिक्कत हुई । ऐसी विसंगतपूर्ण स्थिति से तमाम अभ्यार्थी बीमार हो गए। दिव्यांग और महिलाओं को यात्रा में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा।
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि इस घोर सरकारी अव्यवस्था को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के निर्देश पर जन समस्या निस्तारण समिति की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर संबंधित विभागों और अधिकारियों की जिम्मेदारी को तय करते हुए उनकी लापरवाही के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग किया गया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने उक्त पत्र में मांग किया कि जिन परीक्षार्थियों की परीक्षा शासकीय कुव्यवस्था के कारण छूटी है, उन्हें पुनः परीक्षा देने का अवसर प्रदान किया जाए और ऐसे छात्रों को उचित मुआवजा भी दिया जाए।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा है कि आवेदक 37 लाख से अधिक हैं और पद की उपलब्धता केवल नाम मात्र की है। मा.राहुल गांधी ने (PET) प्रतियोगी परीक्षा को लेकर व्यवस्था की गई ट्रेनों की बदत्तर स्थिति और भारी संख्या में अभ्यर्थी छात्रों की तादाद की तस्वीर साझा करते हुए कहा कि इन युवाओं को हर साल दो करोड़ रोजगार देने का झांसा दिया गया था। लेकिन इन तस्वीरों में देश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं की बेबसी दिख रही है। यह साफ है कि प्रधानमंत्री आंखों को मूंद कर बैठे हैं और नौजवान ठोकर खाने को मजबूर है। अप्रत्याशित सरकारी लापरवाही को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने भी ट्वीट करके बीजेपी सरकार पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने परीक्षा केंद्रों के आवंटन में 400 से 500 किलोमीटर तक की दूरी को आव्यवहारिक बताया। इसी के साथ अभ्यार्थियों को ऐन मौके पर ऐसी दुराह पूर्ण यातायात अव्यवस्था का दर्द भी झेलने पड़ा।
कांग्रेस प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र व प्रदेश की बीजेपी सरकारें उत्तर प्रदेश समेत देश के कुल 37 लाख 58 हजार 209 बेरोजगारों को सुचारपूर्ण ढंग से प्रतियोगी परीक्षा दिला पाने तक में आज पूरी तरह असमर्थ साबित हुई। बेरोजगारी के इस कठिन माहौल में इस सरकारी लापरवाही के चलते हजारों अभ्यर्थियों की परीक्षा छूटी और लाखों युवाओं को परीक्षा के दबाव के बीच इस यातायात अव्यवस्था के मानसिक उत्पीड़न का भी शिकार होना पड़ा। यूपी में (PET) के 37 लाख छात्रों से फॉर्म भरने के नाम पर करोड़ों की वसूली की गई,लेकिन उन्हें मिलने वाले संसाधन और परीक्षा हेतु शैक्षणिक वातावरण के नाम यह अव्यवस्था दी गई।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार की खामियों को गिनाते हुए कहा कि ट्रेनों में अपेक्षित बोगियों की कमी और राज्य परिवहन निगम की भारी अव्यवस्था और बसों की अनुपलब्धता के कारण, लाखों परीक्षार्थियों को सड़कों पर ही रात गुजारनी पड़ी।हजारों छात्रों को इस खस्ता हाल यातायात व्यवस्था के चलते परीक्षाएं छोड़नी पड़ी। सभी अभ्यर्थी कई वर्षों की मेहनत, तैयारी कर रहे थे,अभ्यार्थी को यातायात संबंधी इस भारी अव्यवस्था का कोई अंदाजा नहीं था।इन साढ़े 8 साल में प्रधानमंत्री मोदी की मेक इन इंडिया, स्टार्टअप भारत, जैसी महत्वाकांक्षी योजना आज भारतीय युवा पीढ़ी के लिए समुचित रोजगार उपलब्ध कराने में असफल रही। इस आत्मनिर्भर भारत में लाख नौजवान रोजगार और नौकरी के लिए दर दर की ठोकर खा रहे है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव ने रेलवे के सभी मंडल रेल प्रबंधक को व सभी मुख्यपरिचालन प्रबंधको, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को एक सप्ताह पूर्व ही अभ्यार्थियों की संख्या और उनसे संबंधित परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था को लेकर व्यापक विमर्श और पत्राचार हो चुका था। मीडिया में भी लगातार परीक्षा की कवायदओं को लेकर योगी सरकार के बड़े-बड़े दावों की खबरें छप रही थी ,जो हकीकत में वक्त आया तो पूरी तरह झूठ साबित हुई। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के दौरान दो दर्जन से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक हुआ, कई परीक्षाएं निरस्त हुई। नौजवानों को नौकरी देने के नाम पर बीजेपी सरकार हर बार फिसड्डी निकली, हर बार केवल नौजवान ठगा गया।