शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही प्राथमिकता, भूमि विवादों में मौके पर सत्यापन और फोटो अपलोड करना अनिवार्य
SIDHARTH NAGAR: जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर. की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आई.जी.आर.एस. (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) के प्रार्थना-पत्रों के निपटारे की समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी बलराम सिंह और संयुक्त मजिस्ट्रेट आयुष अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
बैठक में जिलाधिकारी ने आई.जी.आर.एस. पर मिली शिकायतों के निपटारे में असंतुष्ट फीडबैक वाले प्रत्येक तहसील के पाँच-पाँच मामलों और अन्य विभागों के प्रकरणों की गहन समीक्षा की। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि राजस्व विभाग से संबंधित किसी भी शिकायत का निपटारा केवल लेखपाल/कानूनगो की रिपोर्ट पर ही नहीं, बल्कि मजिस्ट्रेट द्वारा मौके पर जाकर सत्यापन के बाद गुणवत्तापूर्ण ढंग से किया जाए, ताकि शिकायतकर्ता को संतुष्ट फीडबैक मिल सके।
जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को स्थल पर जाकर समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण ढंग से निपटारा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, ताकि शिकायतकर्ता पूरी तरह संतुष्ट हो। उन्होंने विशेष रूप से निर्देश दिया कि भूमि विवाद से संबंधित मामलों को थानाध्यक्ष को न भेजा जाए, बल्कि उपजिलाधिकारी राजस्व निरीक्षक के साथ स्वयं मौके पर जाकर निपटारा करें। सभी उपजिलाधिकारियों को राजस्व के मामलों को गंभीरता से लेते हुए निर्धारित समय में निपटाना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।
विद्युत विभाग से संबंधित अधिक शिकायतें मिलने पर जिलाधिकारी ने उनके समयबद्ध निपटारे पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि आई.जी.आर.एस. की शिकायतों के निपटारे में स्थल पर शिकायतकर्ता के साथ फोटोग्राफ्स अपलोड किए जाएँ और शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर भी लिए जाएँ। राजस्व विभाग की निपटारा रिपोर्ट पर उपजिलाधिकारी के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे। साथ ही, लेखपाल और कानूनगो द्वारा शिकायतकर्ता के चिन्हित स्थल पर जाकर निपटारा सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि चकमार्गों पर अतिक्रमण की शिकायतों का निपटारा उपजिलाधिकारी स्वयं मौके पर जाकर करेंगे। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्तियों को समय से न्याय मिलना चाहिए और सरकारी जमीन पर किसी का भी कब्ज़ा नहीं होना चाहिए, अन्यथा संबंधित लेखपाल के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में नगर पंचायत, ग्राम्य विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों से मिली शिकायतों पर भी चर्चा हुई और सभी संबंधित अधिकारियों को शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारियों और तहसीलदारों को अपने कार्यालयों में समय से बैठकर जन सुनवाई करने का भी निर्देश दिया, ताकि लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। उन्होंने जोर दिया कि जिला प्रशासन की ज़िम्मेदारी है कि पीड़ित व्यक्ति के परिवार को सही न्याय मिले। इस अवसर पर उपरोक्त के अतिरिक्त समस्त उपजिलाधिकारी, समस्त तहसीलदार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रजत कुमार चौरसिया, पीडी नागेंद्र मोहन राम त्रिपाठी, डीसी मनरेगा संदीप सिंह, अधीक्षण अभियंता विद्युत, जिला पूर्ति अधिकारी, समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत, खंड विकास अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।