Home आस्था अनंत चौदस पर जैन मंदिर में उमड़े श्रद्घालु,भगवान वासुपूज्य के निर्वाण महोत्सव...

अनंत चौदस पर जैन मंदिर में उमड़े श्रद्घालु,भगवान वासुपूज्य के निर्वाण महोत्सव पर लाडू चढ़ाए दशलक्षण के अंतिम दिन ‘उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म’ का पालन किया

133
0

इटावा। शहर के जैन मंदिरों में पर्युषण महापर्व के आखिरी दिन ‘उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म’ मनाया गया और भगवान वासुपूज्य के मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। जिनालय में सुबह से ही णमोकार मंत्र का पाठ कर भगवान के उद्घोष करते हुए श्रावक-श्राविकाएं मंदिरों की ओर पैर बढ़ा रहे थे। वहीं पाप कर्मो का क्षय होने की कामना उनके मन में थी। कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को शहर के जिनालयों में दिखा। पर्यूषण पर्व के अंतिम दिवस श्रावकों ने उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना की। विश्व जैन संग़ठन के अध्यक्ष आकाशदीप जैन ने बताया बताया कि पर्यूषण पर्व मोक्ष मार्ग का अनुगामी बनाता है, हमारी आतंरिक शुद्धि होती है। तपस्या, ज्ञान और संयम की जड़ ब्रह्मचर्य ही है। एक तरह से पर्यूषण पर्व प्रतिवर्ष हमारे भीतर दया, क्षमा और मानवता को जगाता है उन्होंने बताया दशलक्षण पर्व के दस दिन तक अधिकांश जैन धर्मलम्बी व्रत करते हैं और 24 घंटे में एक बार ही भोजन-पानी ग्रहण किया जाता है, लेकिन जिन्होंने व्रत नहीं रखे थे उन्होंने भी मंगलवार को व्रत किया। दशलक्षण महापर्व के अंतिम दिवस श्रद्धालुओं ने नगर के सभी जैन मंदिरों की वंदना की। वहीं श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर लालपुरा पर धूमधाम से निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। मंदिर के महामंत्री महेश चन्द्र जैन रपरिया ने बताया सुबह गाजे बाजे के साथ पुरुषों और महिलाओं द्रारा सामूहिक पूजन कर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। इसी के साथ नशिया जी, करनपुरा, फूलन देवी डाडाँ, छपैटी, पंसारी टोला, वरहीपुरा, नया शहर, कटरा, एसडी फील्ड, सराय शेख आदि स्थित जिनालयों में पीत वस्त्रधारी पुजारियों द्रारा पूजन कर अनन्त चतुर्दशी पर्व मनाया।
लालपुरा जैन मंदिर में पूजन करते पीत वस्त्रधारी जैन साधर्मी