Home उत्तर प्रदेश अग्नि सुरक्षा एवं सुरक्षित होली हेतु जन जागरूकता अभियान चलाया गया

अग्नि सुरक्षा एवं सुरक्षित होली हेतु जन जागरूकता अभियान चलाया गया

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वाराणसी। बरेका संरक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आज संरक्षा संदेश के माध्यम से अग्नि से सुरक्षा के बारे में जनमानस को अवगत कराया गया ध्वही होली को सुरक्षित रूप से मनाने के लिए कर्मचारियों मे संरक्षा जागरूकता हेतु काउंसिलिंग भी किया गयाध्होली पर्व पर हानिकारक रसायन युक्त रंगों का प्रयोग ना करने, जल के बिना जीवन संभव नहीं है , इसलिए पानी की अधिकतम बचत की सलाह दी गई है ,कार्यक्रम में प्रमुख मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. देवेश कुमार के नेतृत्व में बरेका केन्द्रीय चिकित्सालय की ओर से होली पर्व को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने हेतु एक गाइड्लाइन जारी की गई है । जो निम्न प्रकार है।

होली व स्वास्थ्य सुरक्षा के उपाय
वाराणसी । होली खुशियों का त्योहार है, इसलिए इसे सुरक्षित तरीके से मनाये, शराब व नशे का सेवन न करें। होली के हुड़दंग में कुछ भी हो जाना असंभव नही है अतः निम्नलिखित पर अमल करें।
होली में आंखों की सुरक्षा कैसे करें
(1) कोशिश करें कि होली सेलिब्रेशन के दौरान केमिकल वाले रंगों की जगह प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें।
(2) रंगीन पानी आपकी आंखों में जाने से रोकने के लिए अपने बालों को बांध लें या टोपी पहन लें।
(3) रंगों को आसानी से धोने के लिए अपनी आंखों के आसपास क्रीम या तेल लगाएं।
(4) अगर रंग गलती से आपकी आंखों में चला जाता है तो उन्हें सादे पानी से धोएं और कॉर्नियल घर्षण को रोकने के लिए अपनी आंखों को रगड़ें नहीं।
(5) होली के उत्सव के दौरान कॉन्टेक्ट लेंस न पहनने की सलाह दी जाती है।
होली में नाक,कान व गले की सुरक्षा कैसे करें
(1) प्रयास करें कि कोई भी रंग नाक, कान, मुंह व आख में न जाने पाए।
(2) नाक में रंग के चले जाने के बाद साबुन पानी से धो सकते है। रंग से खेलने से पहले उसकी गुणवत्ता की जाँच कर लें ।
(3) रंग खेलते समय कान में कॉटन प्लग जो की वेसिलीन से युक्त हो पहन ले जिससे कान में रंग और गन्दा पानी नहीं जायेगा। कान में अगर रंग चला गया है तो साफ पानी से धो सकतें है, किसी तेल या केमिकल से न धोएं ।
(4) एलर्जी वाले मरीज होली में रंग खेलते समय अपनी स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें ।
होली में त्वचा की सुरक्षा कैसे करेंरू
(1) बहुत गहरे रंगो के इस्तेमाल करने से बचने की कोशिश करें। इन्हें स्वयं न खरीदें तथा दूसरों को न भी न खरीदने व न इस्तेमाल करने की सलाह दें। प्राकृतिक रंग बेहतर हैं।
(2) पूरी बांह (फुल स्लीव्स) के कपड़े पहनें।
(3) रंगों में भीगने से पहले पुरे शरीर पर तेल लगा लें, ऐसा ही बालों के लिए करें। बेहतर होगा नारियल तेल का प्रयोग करें ताकि त्वचा को नुकसान न हो।

दुर्घटना चोट से बचाव व फर्स्ट एड
1. होली में नशे का सेवन कर गाड़ी ना चलाए, दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती हैं।
2.चोट लगने पर रक्त स्राव को रोकने के लिये किसी कपड़े से दबाव डालकर बाँध दें तथा निकटवर्ती अस्पताल में संपर्क करे।
3. हड्डी टूटने की संदेह पर चोटिल अंग को हिलने से बचाने एवं दर्द कम करने के लिए फोर आर्म स्लिंग या तिकोना कपड़े से उसे बाँध दें फिर अस्पताल ले जाये।
4. दुर्घटना होने पर बेहोश व्यक्ति को सड़क के किनारे हटा कर लेटावें। रक्त या अन्य स्राव को भींगे कपड़े से पोछ कर श्वसन नली जैसे नाक मुँह को अच्छी तरह साफ कर खुली हवा में लेटा दें, एंबुलेंस से संपर्क करे,बेहोश मरीज को अन्यत्र ट्रांसफर करते वक्त गर्दन तथा रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह सपोर्ट करते हुए सीध में रखते हुए स्ट्रैचर पर रखें।
4. कभी कभी ज्यादा गंभीर मरीज को मुंह से मुह कृत्रिम सांस भी देना पर सकता है।

सुरक्षा के उपाय

(1) बच्चों पर विशेष ध्यान दें, उनके रंग खेलते समय बड़े नजर रखें, उन्हें देर तक पानी या भीगे रंग में न रहने दें।
(2) होली खेलने के दौरान या बाद में यदि त्वचा, आंख आदि में जलन, खुजली या धुंधलापन हो या सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।