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Success IPS Story: ददुआ, ठोकिया को मारने वाले IPS की कहानी, अब अतीक की फैमिली चिंता में, जानिए क्यों?

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राज्य ब्यूरो । मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि अनंत देव तिवारी 150 से ज्यादा खुंखार अपराधियों का एनकाउंटर करने वाली टीम में शामिल रहे. वे 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. अनंत पीपीएस संवर्ग से पदोन्नत होकर 2006 में आईपीएस अधिकारी बने,

बता दे कि यूपी पुलिस के मशहूर IPS अनंत देव तिवारी जब भी किसी केस की जांच टीम का हिस्सा रहते हैं, सुर्खियों में लगातार बने रहते हैं. फतेहपुर के अनंत देव तिवारी 1987 बैच में पीपीएस संवर्ग में भर्ती हुए. बताया जाता है कि एसएसपी अनंत देव तिवारी के पिता पेशे से कथावाचक रहे.

पीपीएस अधिकारी सर्कल, जिला, रेंज, जोनल और राज्य स्तर पर विभिन्न पदों पर रहते हैं. इनका काम व्यवस्था बनाए रखना, कानून लागू करने, अपराध को रोकने और उसका पता लगाने का होता है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि अनंत देव तिवारी 150 से ज्यादा खुंखार अपराधियों का एनकाउंटर करने वाली टीम में शामिल रहे. अपनी कार्यशैली कार्यकुशलता के लिए चर्चा मे रहे।
इसी के चलते प्रमोशन पाकर 2006 में आईपीएस अधिकारी बने.

अनंत देव एसटीएफ में तैनात रहे. उन्होंने एएसपी के पद पर रहते हुए कई कुख्यात अपराधियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई. लेकिन कई बार उनका नाम विवादों में रहा. उस समय डीआईजी एसटीएफ के पद पर रहे अनंत देव तिवारी कुख्यात ददुआ और ठोकिया को मुठभेड़ में मार गिराने वाली एसटीएफ टीम का हिस्सा रहे हैं. कुख्यात ददुआ और ठोकिया को मारने में आईपीएस अनंत देव तिवारी की अहम भूमिका बताई जाती है.

जब विवादों में रहे – 2013 में गोरखपुर एसपी के पद पर तैनात थे. इस दौरान एक सपा नेता के बेटे की पिटाई के मामले में उनका नाम सुर्खियों में आया. तब उन्हें निलंबित किया गया था. करीब दो माह निलंबित रहने के बाद वह बहाल हुए.

ये काम रहे मशहूर-  2006 में आइपीएस अनंत ने 1997 में शहर में स्वरूपनगर, सदर, कलेक्टरगंज में सीओ पद रहे. इस दौरान कई बड़ी घटनाओं के खुलासे किए. एसटीएफ में अपनी सर्विस के दौरान 150 एंकाउंटर को लीड किया, जिसमें 38 में खुद गोली मारी.कानपुर के बिकरू कांड में इनका नाम चर्चा में आया था.
वर्तमान में क्यों चर्चा में हैं- प्रयागराज का उमेश पाल हत्याकांड खबरों में है. इस हत्याकांड में अतीक अहमद और उसके परिवार के सदस्यों का नाम जुड़ा है. उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े दो आरोपियों का एनकाउंटर हो चुका है, बाकियों की तलाश जारी है. अतीक अहमद को साबरमती जेल से उत्तर प्रदेश लाए जाने की चर्चा चल रही है. जीआरपी में डीआईजी के पद पर तैनात अनंत देव को एसटीएफ का अतिरिक्त चार्ज दे दिया गया है. इन्हें नई जिम्मेदारी दिए जाने के कई मतलब निकाले जा रह हैं.
अतीक का परिवार चिंता जता रहा है. अतीक अहमद ने भी कोर्ट में अपनी सुरक्षा को लेकर अर्जी लगाई है. अतीक अहमद के साथ साथ उसके भाई अशरफ की सुरक्षा की चिंता की बात जा रही है. इसी से जोड़ कर कहा जा रहा है कि अनंत देव की एसटीएफ में तैनाती ने अतीक परिवार की फिक्र को बढ़ा दिया है.

परवेज़ आलम
संपादक प्रातःकाल एक्सप्रेस की खास रिपोर्ट