Home उत्तर प्रदेश स्कूल मर्ज करने का विरोध जारीबच्चों के शिक्षा से वंचित होने का...

स्कूल मर्ज करने का विरोध जारीबच्चों के शिक्षा से वंचित होने का खतरा

8
0

JHANSI NEWS: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के तत्वावधान में स्कूल मर्जिंग का विरोध दर्ज कराया गया। प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश पर जनप्रतिनिधियों को तुगलकी फरमान के विरोध में ज्ञापन देने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा को मुख्यमंत्री को नामित ज्ञापन सौंपा गया। शिक्षक नेताओं ने बताया कि बड़ी संख्या में स्कूल मर्ज किए जाने से स्कूल से बच्चों की दूरी बढ़ जाएगी। इससे बच्चों का शिक्षा से वंचित होने का खतरा है। उन्होंने इस अव्यवहारिक और संवेदनहीन आदेश को वापस लिए जाने की मांग की। कि सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारी पेयरिंग व्यवस्था के नाम पर विद्यालयों का मर्जर करने का निर्देश दे रहे हैं। इससे परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बज्चों का भविष्य चौपट हो जाएगा। विद्यालय से विद्यालय की दूरी अधिक होने पर स्कूलों के बज्चे अन्य विद्यालयों तक नहीं पहुंच सकेंगे। सर्दी वर्षा और गर्मी के मौसम में स्कूलों तक बज्चों का पहुंचना मुश्किल होगा। ऐसे में भारतीय संविधान में प्रदान किये गये शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित रह जायेंगे। उन्होंने कहा कि विद्यालयों की छात्र संख्या के बहाने स्कूलों को बंद कर नौनिहालों के जीवन से शिक्षा छीनी जा रही है। जबकि परिषदीय विद्यालयों में हिंदुस्तान के अधिकांश गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है। जिनके पास कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ने के लिए फीस नहीं होती है बज्चों को खरीदने के लिए काफी किताबों के पैसे नहीं होते हैं। और वह साधन संपन्न नहीं होता है ऐसे में स्कूलों को मर्ज करने देने से गरीब और बेसहारा लोगों के बच्चो के भविष्य के आगे अंधकार हो जाएगा। इसके साथ ही वर्षों से शिक्षा विभाग में नौकरी का सपना लेकर तैयारी करने वाले लाखों बेरोजगार युवकों के सपनों पर भी कुठाराघात होगा। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा अपनाई गई इस नीति को निरस्त करते हुए सभी विद्यालयों को पूर्व की भांति संचालित रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रदेश भर में संचालित गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर ठोस कार्यवाही की जाए तो परिषदीय विद्यालयों की छात्र संख्या पूरी हो सकती है। जबकि लगातार शिक्षक अपने आसपास संचालित गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संबंध में अधिकारियों को सूचित भी करते रहें है, लेकिन उन पर कार्रवाई करने के बजाय अब सरकारी विद्यालयों को ही बंद करने का फरमान जारी कर दिया है। जिससे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बज्चों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ेगा सर्व समाज को शिक्षित करने के उद्देश्य से और शिक्षा के मौलिक अधिकार के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उन्होंने कहा। इस दौरान जिला प्रवक्ता अब्दुल नोमान, डॉ. अनिरुद्ध रावत, जितेन्द्र त्रिपाठी, मोहित मिश्रा, भारत भूषण राय, संजीव अरजरिया, उमेश पाराशर, शेख जुहेब, अमरपाल सिंह, हिमांशु पाठक, विपिन कुमार, देवेन्द्र बुधौलिया, मनीष गोस्वामी, सतीश कुमार, अखिलेश कुमार, सुरेन्द्र पटेल, उमाशंकर शर्मा, उमेश बबेले, डॉ. अखिलेश गोस्वामी, राजीव जैन, कुलदीप त्रिपाठी, मुकेश वर्मा, अरुण निरंजन, पवनजय, अवधेश पुरोहित, अभिषेक तिवारी, छाया निरंजन, मोनिका सिंह, नीलम चतुर्वेदी, राजमणि पाठक, राकेश तिवारी, चन्द्र प्रकाश पाहुजा, रामराजा शिवहरे आदि मौजूद रहे।