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Iran के बैलिस्टिक मिसाइल अटैक के बाद नेतन्याहू ने मोदी को फोन घुमाया, युद्ध के बीच ऐसा क्या मांगा?

यह 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा हमला था। इससे पहले दिन में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत ईरान और इजराइल के बीच हाल के घटनाक्रमों से बेहद चिंतित है और उभरती स्थिति पर “करीब से नजर रख रहा है।

Israel ने ईरान पर हमला कर दिया और इसे ऑपरेशन रायजिंग नाम दिया गया। बताया जा रहा है कि इसमें 78 लोगों की मौत हुई जिसमें ईरान के टॉप कमांडर्स भी शामिल थे। इसके अलावा तीन न्यूक्लिर साइंटिस्ट की भी मौत हो गई। उनके परिवार के साथ साथ उन्हें खत्म कर दिया गया। इजरायल के इस बड़े अटैक से तेहरान दहल गया और उसके बाद बेंजामिन नेतन्याहू इस बात को मानने के लिए तैयार हैं कि ईरान जवाबी कार्यवाही तो करेगे ही। इसलिए इजरायल के तमाम एयरबेस को बंद कर दिया गया। आपातकाल की घोषणा कर दी गई। जिसका डर इजरायल को था बीती रात वही हुआ। ईरान की तरफ से एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों बैलेस्टिक मिसाइलें दाग दी गई। बताया जा रहा हैकि इसमें इजरायली महिला की मौत हुई है और कहीं न कहीं इजरायल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश ईरान की तरफ से की गई है। लेकिन इन सब के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच ईरान और इजरायल के बीच टकराव को लेकर बातचीत हुई। इस बात की जानकारी खुद पीएम मोदी ने खुद दी है।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन कर पश्चिम एशिया में उभरते हालात की जानकारी दी। मोदी ने शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की आवश्यकता पर बल दिया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा रि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का फोन आया। उन्होंने मुझे मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी। मैंने भारत की चिंताओं को साझा किया और क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की आवश्यकता पर जोर दिया।

इजराइल ने शुक्रवार की सुबह ईरान पर हमला किया जिसमें शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए और परमाणु और मिसाइल ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिससे पश्चिम एशिया के दो कट्टर विरोधियों के बीच एक व्यापक युद्ध की आशंका बढ़ गई है। यह 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा हमला था। इससे पहले दिन में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत ईरान और इजराइल के बीच हाल के घटनाक्रमों से बेहद चिंतित है और उभरती स्थिति पर “करीब से नजर रख रहा है।

भारत ने दोनों पक्षों से तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचने का आग्रह किया। आपको बता दें कि इजरायली पीएम की तरफ से ये कॉल ईरान के साथ जारी ताजा संघर्ष के सिलसिले में किया गया था। भारत का पक्ष लेने की कोशिश इजरायल करता हुआ नजर आया है। आपको याद होगा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने जब पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को नेस्तोनाबूद किया था। उस दौरान भारत की तरफ से भी इजरायल से लगातार संपर्क स्थापित किया गया था और स्ट्राइक की जानकारी दी गई। इजरायल इस दौरान भारत के साथ मजबूती के साथ खड़ा नजर आया था और हर संभव सहायता की बात भी की थी।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा गया कि कल रात से अब तक नेतन्याहू ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़, भारत के प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित कई वैश्विक नेताओं से बात की है। इसमें कहा गया कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर से बात करेंगे।  वैश्विक नेताओं ने ईरान की धमकी के मद्देनजर इजराइल की रक्षा जरूरतों के प्रति समझ दिखाई; प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आने वाले दिनों में उनके साथ संपर्क में बने रहेंगे।’’ भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह ईरान और इजराइल के बीच हाल के घटनाक्रमों से ‘बेहद चिंतित’ है और बन रही स्थिति पर ‘बारीकी से नजर रख रहा है’।