Home उत्तर प्रदेश इंश्योरेंस कंपनी को 3.5 लाख रुपए परिवादी को देने किया आदेशित

इंश्योरेंस कंपनी को 3.5 लाख रुपए परिवादी को देने किया आदेशित

जिला उपभोक्ता अदालत ने प्रबंधक रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस को दो माह के अंदर धनराशि अदा न करने की स्थिति में 9 नवंबर 2020 से वास्तविक भुगतान की स्थिति तक 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज अदा करने का दिया आदेश

प्रातःकाल एक्सप्रेस

भदोही। जिला उपभोक्ता अदालत द्वारा प्रबंधक रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को आदेशित किया कि वह परिवादी द्वारा क्रय किए गए इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत उनके पुत्र की चिकित्सा में आए हुए खर्च के रूप में 3.5 लाख रुपया दो माह के अंदर अदा करें।उपभोक्ता अदालत ने बीमा कंपनी को निर्देशित किया है कि 3.5 लाख रुपए की धनराशि पर 9 नवंबर 2020 से वास्तविक भुगतान की स्थिति तक 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी अदा करें।
आयोग द्वारा बीमा कंपनी को हिदायत किया है कि यदि अदालत द्वारा दी गई समय सीमा के अंदर आदेश और निर्णय का अनुपालन नहीं किया जाता है तो 3.5 लाख रुपया की धनराशि पर ब्याज दर 9 प्रतिशत
वार्षिक साधारण के स्थान पर 12 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज अदा करना होगा। आयोग के रीडर स्वतंत्र रावत ने बताया कि कप्तान सिंह ग्राम कालिक मवेया थाना कोईरोना तहसील ज्ञानपुर वर्तमान पता डी 03 पूनम अंपायर बिल्डिंग श्री पस्ता रोड ऑपोजिट फंड पिस्ता माल नाला सोपारा वेस्ट पालघर मुंबई की ओर से प्रबंधक रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड सातवां फ्लोर नियर रेलवे स्टेशन कृष्ण प्लाजा वेस्ट मुंबई को पक्षकार बनाते हुए 4 फरवरी 2021 में शिकायत दर्ज कराई गई थी। परिवादी के द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी से क्रय किए गए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत पुत्र की चिकित्सा में आए हुए खर्च के रूप में 3.5 लाख रुपया मय 12 प्रतिशत ब्याज सहित दिलाई जाए। संक्षेप में परिवादी की ओर से कहा गया कि परिवादी के भदोही स्थित निवास पर प्रताप सिंह के अंगूठे में ट्रैक्टर ट्राली से गंभीर चोट लग गई और फैचर हो गया। प्रताप सिंह को तत्काल उपचार की जरूरत को देखते हुए अलका हॉस्पिटल इलाहाबाद में भर्ती कराया। जहां प्रताप सिंह के उपचार और दवा इलाज खर्च में 35 लाख रुपए खर्च आया। वादी के कथन के अनुसार परिवादी का बीमा 10 सितंबर 2015 से 9 सितंबर 2018 तक प्रभावित था और जब हुआ है वह बीमा पॉलिसी अवधि के अंदर 26 नवंबर 2017 को हुआ है। जिस कारण परिवादी हेल्थ इंश्योरेंस के अंतर्गत कराए गए इलाज के रूप में 35 लाख रुपया पाने का अधिकारी है। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष संजय कुमार डे, महिला सदस्य दीप्ति श्रीवास्तव, सदस्य विजय बहादुर सिंह की पीठ ने परिवादी की अधिवक्ता की बहस सुनी तथा पत्रावली का अवलोकन कर यह फैसला सुनाया।