Asia के सबसे बड़े कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट (केपी ट्रस्ट) के चुनाव में अध्यक्ष, कार्यकारिणी सदस्यों समेत 67 प्रत्याशियों की किस्मत बैलट बॉक्स में बंद हो गई। मंगलवार को हुए मतदान में भारी उत्साह के बावजूद वोटिंग प्रतिशत कम रही। केवल 8645 न्यासधारियों (वोटरों) ने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछले चुनाव के मुकाबले मतदान प्रतिशत करीब 8 फीसदी कम रहा। इस बार सिर्फ 27.2 प्रतिशत न्यासधारियों ने वोट डाले।
K.P. Trust Election In Prayagraj :केपी कॉलेज परिसर में सुबह आठ बजे से शुरू मतदान की गति काफी धीमी रही। प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की आंखों में चमक तब दिखी, जब करीब दस बजे से न्यासधारियों की संख्या अचानक बढ़ी। इस बीच वहां पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह भी पहुंचे। वोट डालकर वह मैदान में लगी कुर्सी पर बैठ गए। दोपहर 12 बजे तक सिर्फ दस प्रतिशत ही वोट पड़े।
शाम पांच बजे तक ट्रस्ट के 31299 न्यासधारियों में वोट देने सिर्फ 8645 ही आए, जबकि पिछली बार 29249 न्यासधारियों की सूची में 2050 नए सदस्यों के नाम शामिल किए गए। पिछली बार वर्ष 2013 में हुए चुनाव में 10203 न्यासधारियों ने मतदान किया था, लेकिन इस बार सदस्यों की संख्या बढ़ने के बावजूद 27.2 फीसदी सदस्य ही ट्रस्ट के पांच वर्षीय चुनाव में शामिल हुए।
दिव्यांगतनो के लिए विशेष बूथ
कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट चुनाव में बूथ नंबर 32 पर विशेष मतदान की व्यवस्था की गई थी। इस बूथ पर दिव्यांग कायस्थ जनों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। इस बूथ पर कुल मतदाताओं की संख्या 500 थी, जिसमें 263 न्यासधारियों ने मतदान किया।
बुजुर्ग, बीमार न्यासधारियों ने किया वोट
मंगलवार को केपी कॉलेज में मतदान करने वालों में बुजुर्ग और बीमार न्यासधारियों की संख्या चौंकने वाली रही। अपनों के साथ आए बुजुर्गों ने लोगों से मुलाकात कर चुनाव का जायजा लिया। वहीं पीडब्ल्यूडी से सेवानिवृत्त स्टेनली रोड जजेज कॉलोनी निवासी नन्हें लाल श्रीवास्तव बीमारी की हालत में सहचर के साथ धीरे-धीरे चलते हुए बूथ तक पहुंचे। लौटते समय वह अपनी हिम्मत के कारण लोगों के आकर्षण का केंद्र बने थे।
दोपहर बाद लगी लाइन
केपी ट्रस्ट के चुनाव में दोपहर 12 बजे तक सिर्फ दस प्रतिशत ही वोट पड़े। इसके बाद मतदान के लिए बनाए गए 32 बूथों में से आधे से अधिक पर लाइन लगी। लोग काफी देर इंतजार के बाद वोट दे पाए। सदस्य संख्या बताए जाने के बाद कई न्यासधारियों ने सूची में नाम न होने की शिकायत दर्ज कराई। कुछ ऐसे लोग भी रहे, जिनके पास ट्रस्ट का परिचय पत्र था, लेकिन उन्हें मतदान के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ी।
बीते रविवार की शाम को एक पक्ष ने दूसरे पक्षपर पोस्टर बैनर फाड़ने को लेकर आरोप लगाते हुए विवाद खड़ा कर दिया था।विवाद में दोनो पक्षों की तरफ से थाना जार्जटाउन में तहरीर दी गई है।केपी ट्रस्ट के चुनाव में किला बचाने और किला ढहाने की लड़ाई में रविवार की देर रात तक मतदाताओं को अपने पाले में करने की जोर आजमाइश होती रही।
गहमागहमी को देखते हुए प्रशासन ने भारी पैरामिलिट्री फोर्स व पुलिस बल के बीच में चुनाव को सकुशल सम्पन्न करवाया।
चुनाव को सकुशल व पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कराने के लिए केपी इंटर कॉलेज में 32 बूथों पर सीटीटीवी कैमरे लगाए गए थे। मतदान के लिए देश भर से मतदाता यहां पहुंच कर अपने मत का प्रयोग किया।
विदेशों में रहने वाले सौ से अधिक मतदाताओ ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पांच वर्ष बाद हुए इस चुनाव में अध्यक्ष पद के दो प्रत्याशी डॉ. सुशील सिन्हा तथा चौधरी राधवेंद्रं के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। इनके अलावा अध्यक्ष पद पर प्रवीण कुमार श्रीवास्तव व रतन श्रीवास्तव (महिला) भी के चुनाव लड़ रहे हैं। ट्रस्ट में कार्यकारिणी के लिए 20 पद हैं जिसके लिए 60 प्रत्याशी मैदान में हैं। मतदान का प्रतिशत कम होना इस बात का संकेत है कि वतॅमान अध्यक्ष के कायोॅ से नाराज होकर मतदान मे उदासीन दिखे ।