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केंद्रीय कारागार, नैनी में चली मानसिक स्व ास्थ्य और तनाव प्रबंधन पर क्लास

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प्रयागराज। जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा एवं डॉ राजेश कुमार नोडल अधिकारी एन.सी.डी सेल के नेतृत्व में केंद्रीय कारागार नैनी में एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन. केंद्रीय कारागार नैनी के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों में डॉ वेद प्रकाश (जेल चिकित्सा अधिकारी) शशिकांत सिंह (वरिष्ठ जेल अधीक्षक) एवं.आर.के सिंह. (उप जेल अधीक्षक) द्वारा मरीजों के हित में मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ एवं संयमित रखने हेतु किया गया‌‌। मुख्य वक्ता के रूप में नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. ईशान्या राज द्वारा बंदियों को बताया गया कि जिंदगी में हमें शीशे की गेंद बनते हुए ठोकर खाकर चूर चूर होकर बिखरना नहीं है बल्कि रबड़ का गेंद बनकर ठोकर लगने पर बाउंसबैक करना सीखना बहुत जरूरी हैl इसी बाउंसबैक में मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों जैसे, मानसिक परेशानियों को पहचानना, स्वीकारना और सही उपचार के लिए आगे आना, नशा मुक्त जीवन यापन करना आदि हमारी जिंदगी में विशेष महत्व रखते हैं। मनोचिकित्सक, डॉक्टर राकेश कुमार पासवान द्वारा जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों मैं दवाइयों की अहम भूमिका पर चर्चा की गई तथा बताया गया कि दवाइयों से मानसिक परेशानी से ग्रसित व्यक्ति जब ठीक होता है, तो दवाइयां छोड़ देता हैl जिसके कारण उसके अंदर लक्षण दुबारा से जन्म लेते हैं और फिर से वह मानसिक परेशानी का शिकार होने लगता है इसीलिए दवाइयां भी मानसिक परेशानी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। डॉ वेद प्रकाश द्वारा बताया गया कि किस तरीके से शारीरिक परेशानियां और मानसिक परेशानियां आपस में संबंधित होती है और व्यक्ति के पूर्ण विकास में सही समय पर इलाज ना करने से बाधा उत्पन्न करती है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशीकांत सिंह द्वारा बंदियों को बताया गया कि कैसे तनाव प्रबंधन में शेर को आता देख हिरण की तरह घबरा के भाग जाने से अच्छा है कि अर्जुन की तरह युद्ध लड़के, यानी तनाव से लड़के, तनाव पर काबू पाना हम सब के लिए कितना जरूरी है। आर.के सिंह, उप जेल अधीक्षक ने बताया कि हर वह बंदी मानसिक रूप से परेशान है जो यहां बंद है इसीलिए मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत को समझते हुए उस पर काम करना हम सबके लिए बहुत जरूरी है। कार्यशाला में शैलेश कुमार, साइकेट्रिक नर्स, अंकित द्विवेदी, मनोवैज्ञानिक काउंसलर आदि ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।