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ठिठुरन पर भारी रही स्वर्गलोक पाने की कामना,पौष पूर्णिका पर श्रद्वालुओं ने लगाई पुण्य की डूबकी

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प्रयागराज। विगत तीन दिनों ने कडाके की शीतलहर की चपेट में प्रयागराज है। आज तो लूढककर 5 के आसपास पहुंच गया। तन बदन को गला देने वाली इस सर्दी पर आस्था का रेला भारी पडा और हर हर गंगे के साथ लोगों ने त्रिवेणी के अमृतमयी जलधारा में पुण्य की डूबकी लगाई।
माघ मेला 2023 के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्वालु स्नानार्थी, साधु संत, कल्पवासी ने आस्था की डूबकी लगाकर गंग सकल मूद मंगल मूला, सब सुख करनि हरनि सब सूला की मंगल कामना की। इसी के साथ एक माह तक चलने वाले कल्पवास की पौराणिक परंपरा का शुभारंभ हो गया। गौरतलब है कि संगम तट पर हाड को कंपा देने वाली सर्दी में आयोजित होने वाले स्नान महापर्वो के बिना मेले का ऐतिहासिक वृतांत अधूरा सा लगता है, क्योंकि इस आयोजन में एक ऐसे अखंड लघु भारत का दर्शन होता है जहां उच्च-नीच, अमीर गरीब, जाति धर्म, क्षेत्र, भाषा तथा इसी तरह अन्य वादों तथा आपसी भेदभावों को भुलकार देश ही नहीं बल्कि संसार भर से हजारो, लाखों की संख्या में श्रद्वालु आते है। यहां आने वाले गंगा के सभी मानस पुत्रों की केवल एक ही आकांक्षा होती है, वह है त्रिणेवी के अमृतमयी जलधारा में गोता लगाकर जीवन के समस्त पापों से मुक्ति पाना तथा सभी सुखों की प्राप्ति के लिए मोक्षदायिनी गंगा की पूजा अर्चना करना और संतों का मार्गदर्शन प्राप्त करना। भारी संख्या में लोग इस महा अनुष्ठान में पौष पूर्णिमा से लेकर माघी पूर्णिमा तक एक माह का कल्पवास सभी तरह के कष्टों को सहकर करते है। महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया है कि माघ मास त्रिवेणी के पावन संगम तट पर बालू की रेती पर आयोजित होने वाले स्नान महापर्वो पर तीन करोड से अधिक तीर्थयात्री एकत्रित होते है। विधि विधान से यहां ध्यान और कल्पवास करने मात्र से मनुष्य स्वर्गलोक का अधिकारी बनता है।

पांच लाख से अधिक श्ऱद्धालुओं ने लगाई डुबकी
माघ मेले के प्रथम स्थान पर्व पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर लगभग 5 लाख 10 हजार लोगों ने मेला क्षेत्र में बनाए गए 14 घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसके दृष्टिगत सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने देर रात से ही मेला क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराईं। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री, मेला अधिकारी अरविंद कुमार चैहान, अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी एवं दयानंद प्रसाद ने मेला क्षेत्र में भ्रमणशील रहते हुए सभी सेक्टरों एवं घाटों पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराईं। सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी तरह की कोताही ना हो यह सुनिश्चित करने के दृष्टिगत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी रात से ही भ्रमणशील रहते हुए विभिन्न सेक्टरों का निरीक्षण किया तथा सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में तैनात अधिकारियों का मनोबल बढ़ाया। भ्रमणशील अफसरों में पुलिस अपर महानिदेशक श्री भानु भास्कर, पुलिस आयुक्त श्री रमित शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक चंद्र प्रकाश, पुलिस अपर आयुक्त श्री आकाश कुलहरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेला, राजीव नारायण मिश्रा तथा पुलिस अधीक्षक मेला श्री आदित्य शुक्ला शामिल रहे। श्रद्धालुओं को ठंड के प्रकोप से बचाने हेतु पूरे मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में अलाव की भी व्यवस्था कराई गई थी तथा पूरे स्नान की अवधि में किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई।