11 जून से बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्यभगवान विष्णु के जागृत होने के बाद फिर से शुरू होगे मांगलिक कायर्रू स्वामी ब्रह्माश्रम प्रयागराज। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि यानि 11 जून को शाम सात बजे गुरु ग्रह पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएंगे। गुरु के अस्त होने के साथ ही सनातन धर्म में होने वाले सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। सूर्य के दक्षिणायन होने से चातुर्मास भी शुरू हो जाएगा। फिर छह महीने तक शादी ब्याह जैसे कार्य नहीं होंगे। छह जुलाई को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। इसी दिन देवगुरु भगवान विष्णु शयन मुद्रा में चले जाएंगे। एक नवंबर को देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु जागृत होंगे। इसके बाद 21 नवंबर से मांगलिक कार्य शुरू होकर 15 दिसंबर तक चलते रहेंगे। अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज ने बताया कि भगवान विष्णु के शयन मुद्रा में जाने के बाद एक नवंबर को देव उठनी एकादशी पर भगवान जागृत हो जाएंगे और मांगलिक कार्य 21 नवंबर से शुरू होकर मांगलिक कार्य 15 दिसम्बर तक चलते रहेंगे। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म भगवान विष्णु के शयन में जाने के बाद कोई भी मांगलिक कार्य अर्थात शादी विवाह, गृह प्रवेश सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रम स्थगित हो जाते है, भगवान विष्णु के शयन से उठने के बाद फिर से मांगलिक कार्य शुरू होते हैं।