100 से 125 कुंतल प्रति एकड़ मिलता है उत्पादन
KUSHINAGAR: हल्दी की बैज्ञानिक ढंग से खेती करके सात से आठ माह में एक एकड़ खेत से 125 से 150 कुंतल उपज लेकर लाखों रुपए कमा सकते हैं किसान । किसानों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है हल्दी की खेती यह जानकारी उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच गोरखपुर के पूर्व सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने दी।उन्होंने बताया कि हल्दी का प्रयोग प्रत्येक परिवार में प्रतिदिन होता है हल्दी में औषधीय गुण है। इसमें करकियुमिन तत्व के कारण हल्दी का रंग पीला दिखाई देता है दक्षिण भारत कृषक अध्ययन यात्रा ओमप्रकाश गुप्ता ने देश के प्रमुख हल्दी उत्पादक राज्य तमिलनाडु आंध्रप्रदेश तथा महाराष्ट्र में हल्दी की खेती देखा कृषि विश्वविद्यालय कोयम्बटूर तमिलनाडु एवं एन.जी.रंगा राव कृषि विश्वविद्यालय हैदराबाद के हल्दी बैज्ञानिको से जानकारी ली है इन राज्यों में गन्ने के बाद हल्दी दूसरी फसल है तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला प्रतिदिन हल्दी अपनी चेहरे पर लगाती है कुशीनगर जिले में हल्दी की खेती के विषय में जिला उद्यान अधिकारी के.के.चौधरी से बातचीत की तो उन्होंने ने बताया कि कुशीनगर में 800 हेक्टेयर में हल्दी की खेती होती है जिसमें दुदही ब्लॉक के बांसगांव पिपरा टोला में हल्दी प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना भी की गई जिसको दुदही फॉर्मर प्रोडयूसर कंपनी संचालित कर रही है जिसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओ को रोजगार भी उपलब्ध कराया गया है कुशीनगर में जितना भी हल्दी का उत्पादन होता है उसको दुदही एफपीओ खरीद कर लेता है और उसी दिन किसानो के खाते में पैसा भी मिल जाता है
जिससे किसानों को कही भी इधर उधर भटकने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। किसान हल्दी प्लांट से बीज भी आसानी से प्राप्त कर लेता है। हल्दी की खेती के विषय में जानकारी देते हुए ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि अधिक उपज देने वाली प्रजातियां मेधा 1 ,सोनिया ,केसरी, पडरौना लोकल एन. डी.एच 14 आदि है इन प्रजातियों का उत्पादन क्षमता 150 से 200 कुंतल एकड़ है बुआई जून में करे एक एकड़ खेत में 6 से 7कुंतल कंद लगेगा हल्दी की अधिक उपज लेने के लिए अंतिम जुताई के समय 100 कुंतल गोबर की सड़ी खाद प्रति एकड़ प्रयोग कर जुताई करे। हल्दी की खेती के लिए बलुई दोमट भूमि उपयुक्त है ऊंचा खेत हो जल निकासी हो लाइन से लाइन की दूरी 30 सेमी .रखे कंद से कंद की दूरी 20 सेमी रखे हल्दी बोते समय एक एकड़ खेत में 75 किलो ग्राम डी. ए.पी.50 किलो ग्राम म्यूरी टॉप पोटाश प्रयोग करे बुआई के 45 दिन पर गुड़ाई के एक बोरी यूरिया प्रयोग करे दूसरी बार बुआई के 90 दिन पर एक बोरा यूरिया एक एकड़ खेत में खड़ी फसल में दो लाइन के बीच में प्रयोग करे फरवरी मार्च में जब हल्दी की पत्तियां पीली पड़ कर सूखने लगे तो खुदाई करे हल्दी की खेती में प्रदेश में कुशीनगर का प्रमुख स्थान है कुशीनगर में सबसे ज्यादा हल्दी की बुआई दुदही ब्लॉक में की जाती है साथ ही विशुनपुरा,रामकोला, तमकुहीराज़ तरयासुजान कठकुइया खड़ा छितौनी आदि क्षेत्रों में हल्दी की खेती हो रही हैं जिले में लगभग चार हजार किसान हल्दी की खेती कर रहे है हल्दी खुदाई करने के बाद किसान हल्दी अपने खेत से ट्राली पर लोड कर हल्दी फैक्ट्री दुदही बांसगांव पिपरा टोला में पहुंचा देते है और उसी दिन भुगतान भी मिल जाता है ।डॉ. ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि हल्दी की बैज्ञानिक ढंग से खेती करने पर एक एकड़ में 150 से 200 कुंतल उपज मिलेगा 18 से 20 रुपया किलो बिक जाएगा जो डेढ़ लाख से अधिक का होगा पूर्व सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्ता ने तमिलनाडु प्रदेश के इरोड जिला में चीनी मिल का भ्रमण किया वहा सर्वाधिक क्षेत्रफल में हल्दी की खेती देखा।