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सुगंध दशमी पर्व पर धूप अर्पण करते हुए जैन समाज ने अष्ठ कर्म नाश होने की भावना भायी

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जसवंतनगर/इटावा : नगर के पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर,व लुधपुरा जैन मंदिर में दसलक्षण पर्व के अंतर्गत आज सुगंध दशमी पर्व मनाया गया, इस पर्व की विशेषता ये है कि महिलाएं इस व्रत को धारण करती है। व उपवास करती है। सर्व प्रथम जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक व शांति धारा की गई शांति धारा करने का सौभाग्य नलिन जैन द्वारा आजीवन रात्रि भोजन का त्याग का नियम लेकर शांतिधारा की तत्पश्चात सुगंध दशमी के पर्व पर शीतल नाथ भगवान की पूजा की गई , सायं काल के समय में शीतलनाथ भगवान की पूजा करते हुए हवन कुंड में धूप अर्पित की गई,और कामना की  हे प्रभू मेरा आठो कर्मो का नाश हो और मुझे मोक्ष पद प्राप्त हो।आपको बता दे कि इसी क्रम में गुरुवार संध्या के समय भक्तामर विधान 048 दीपो के द्वारा अनिल जैन,नलिन जैन परिवार द्वारा सम्पन्न कराया गया आरती भक्ति हुई,  उत्तम संयम धर्म पर लरानीपुर से पधारे  राहुल भैया ने अपने संबोधन में कहा कि , संसार सागर में पार होने का कोई मार्ग अगर है। तो उत्तम संयम है। बिना संयम धर्म धारण किये मोक्ष होना नामुकिन है। और वह सयंम सिर्फ मनुष्य गति के अलावा किसी ओर गति में नही है। यहाँ तक उच्च कुल के देवो को भी संयम नसीब नही है।