Home उत्तर प्रदेश समृद्ध साहित्य से समाज होता है विकसित–प्रो आरपी वर्मा

समृद्ध साहित्य से समाज होता है विकसित–प्रो आरपी वर्मा

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चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रो (डॉ) आरपी वर्मा को ग्लोबल टीचर अवार्ड से सम्मानित
शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए किया गया है सम्मानित

प्रयागराज। महाराष्ट्र का प्रतिष्ठित ग्लोबल टीचर अवार्ड उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ शिक्षाविद एवं राजकीय डिग्री कालेज गोसाईखेडा उन्नाव के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो (डा) आरपी वर्मा को शिक्षा के क्षेत्र मे उल्लेखनीय योगदान के लिए आज समता साहित्य एकेडमी नागपुर ने होटल द्वारिका माई कांफ्रेंस हाल में प्रदान किया है। खासदार वर्धा रामदास तडस,स्लम साकर संस्था के संस्थापक विजय जी बारसे,अवर सचिव मंत्रालय मुम्बई नंदकुमार राऊत, वरिष्ठ साहित्यकार डा सविता कांबले और आयोजन समिति के संस्थापक अध्यक्ष डा डीएस तांडेकर ने चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रो (डा) आरपी वर्मा को अंगवस्त्रम, स्मृति चिह्न, मेडल और मानद पत्र देकर सम्मानित किया।
उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ आरपी वर्मा ने संस्था को धन्यवाद देते हुए कहा कि साहित्य से समाज की सेवा करता रहूंगा जिससे कि समाज का अंतिम व्यक्ति शिक्षित हो सके। उन्होंने कहा कि समृद्ध साहित्य से समाज और देश विकसित होता है ऐसे में लोगों का झुकाव साहित्य की तरफ होना चाहिए।
अंबेडकर नगर निवासी शिक्षाविद डॉ वर्मा की शिक्षा इविवि, बीएचयू, संपूर्णानंद संस्कृत विवि वाराणसी तथा लखनऊ विवि से डीलिट् किया है। वह राजकीय डिग्री कालेज गोसाईखेडा, उन्नाव में हिन्दी के विभाग हैं। प्रो (डा) आरपी वर्मा ने चयन बोर्ड प्रयागराज में अध्यक्ष के पद पर रहते हुए चयन बोर्ड का आधुनिकीकरण किया था।
चयन बोर्ड की नई मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, हेल्पलाइन, हेल्प डेस्क, आनलाइन आवेदन, ओएमआर शीट से परीक्षा, सीसीटीवी कैमरे सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करवाया था।
चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ आरपी वर्मा प्रतिष्ठित कवि, लेखक कहानीकार , उपन्यासकार एवं समीक्षक है। शोध कार्य के क्षेत्र में डॉ वर्मा ने ब्रज एवं अवधि साहित्य में व्यापक स्तर पर कार्य किया है। प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में तथा शोध ग्रंथों में डॉ आरपी वर्मा के 300 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन हो चुका है। अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी में शिक्षाविद डॉ वर्मा ने 400 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन और 20 पुस्तकों का संपादन किया है। वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ वर्मा ने 45 वर्ष की कम उम्र में लेखन के क्षेत्र में भी कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने विविध विषयों पर 80 से अधिक पुस्तकें लिखी है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों साहित्य पर अलग – अलग विषयों और महापुरुषों पर 81 से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं।
साहित्य के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय स्तर पर विशेष सम्मान प्रो (डॉ) आरपी वर्मा कई प्रमुख पुरस्कार ध् सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं। इनमें प्रमुख अवार्ड रसाल सम्मान अवार्ड, केसरी नारायण शुक्ला अवार्ड, साहित्य सेवा श्री अवार्ड ,शिक्षक श्री अवार्ड ,भारतेंदु हरिश्चंद्र अवार्ड, राष्ट्रभाषा गौरव , ग्लोबल एजुकेशन लीडरशिप , विद्या रतन, विद्या सागर , राष्ट्रीय विद्या सरस्वती पुरस्कार, इंटरनेशनल एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड, बेस्ट एजुकेशनिस्ट , डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सद्भावना , पं दीनदयाल उपाध्याय ,रविंद्र नाथ टैगोर हिंदी लिटरेचर , अंतरराष्ट्रीय अहिंसा पुरस्कार, डॉ बाबासाहेब, लॉर्ड बुद्धा गोल्ड अवार्ड ,डॉ शंभूनाथ चतुर्वेदी, विशिष्ट सेवा एजुकेशनल एक्सीलेंस अवॉर्ड और मुंशी प्रेमचंद अलंकरण सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं।