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संविधान बचाओ सम्मेलन: ढेबरुआ में कांग्रेस का चुनावी शंखनाद, भाजपा पर सीधा हमला!

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शोहरतगढ़ विधानसभा में जुटे दिग्गज, संविधान बचाने का लिया संकल्प; हर बूथ मजबूत करने को 100 दिन का लक्ष्य

SIDHARTNAGAR: देश में संविधान पर कथित हमलों को लेकर कांग्रेस अब सड़क पर है। शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ढेबरुआ में मंगलवार को ‘संविधान बचाओ सम्मेलन’ आयोजित हुआ। अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ प्रदेश महासचिव अकील अहमद मुन्नू के संयोजन में हुए इस आयोजन में जिलाध्यक्ष काजी सुहेल अहमद, प्रदेश सचिव डॉ. नादिर सलाम, एडवोकेट अब्दुस्सलाम, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष पंकज चतुर्वेदी समेत कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता जुटे। पार्टी ने भाजपा सरकार की नीतियों पर हमला बोला और संविधान बचाने का जोरदार आह्वान किया। वक्ताओं ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए संविधान का महत्व बताया। जिलाध्यक्ष काजी सुहेल अहमद ने कहा, “संविधान हमारा मार्गदर्शक है, इसकी रक्षा परम कर्तव्य है। बाबा साहब अंबेडकर का संविधान न होता तो हालात अलग होते। हमें संगठन मजबूत कर 2027 में भाजपा को उखाड़ फेंकना है। कांग्रेस की सरकार बनने वाली है, पूरा प्रदेश उम्मीद से कांग्रेस की ओर देख रहा है।” प्रदेश सचिव डॉ. नादिर सलाम ने 100 दिन का लक्ष्य देते हुए कहा, “हर बूथ पर कांग्रेस को मजबूत करना है। गांव-गांव जाकर जांबाज सिपाही तलाशें और उन्हें कांग्रेस नीतियों से जोड़ें।” अकील अहमद मुन्नू ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों को संविधान से जोड़ते हुए इसकी सुरक्षा की जरूरत बताई। एडवोकेट अब्दुस्सलाम ने “कानून का राज और न्याय संविधान के दायरे में सुरक्षित” बताया। पंकज चतुर्वेदी ने युवाओं से संविधान के मूल्यों को समझने और संघर्ष करने का आह्वान किया। रियाज मनिहार, ब्लॉक अध्यक्ष बढ़नी इश्तियाक चौधरी, ग़ालिब बिसेन, जिला उपाध्यक्ष कृष्ण बहादुर सिंह, दीपक यदुवंशी, मैनुद्दीन, शाकिर अली, हफीज अहमद सल्फी, सुरेश शुक्ल, अशफाक प्रधान, जाकिर हुसैन बब्बू प्रधान, कमर आलम, अनीस शाह, यार मोहम्मद पलफारूक राइनी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने संवैधानिक संस्थाओं पर कथित हमले, महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के प्रयासों पर चिंता जताई। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जनता को संविधान के प्रति जागरूक करना और आगामी चुनावों से पहले कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरते हुए उन्हें संविधान रक्षा और जनहित के मुद्दों पर संघर्ष के लिए तैयार करना था।