Home आस्था शिव ध्वज को फहरा कर मनाई गई शिवरात्रि

शिव ध्वज को फहरा कर मनाई गई शिवरात्रि

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PRAYAGRAJ महाकुंभ नगर  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के धनुहा स्थित मुख्य सेवा केंद्र, सद्भभावना भवन में धूमधाम से शिवरात्रि का पर्व मनाया गया। 89वें शिव अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में विशेष योग का कार्यक्रम रखा गया। जिसमें सैकड़ो की संख्या में लोगों ने सामूहिक रूप से शिव पिता से योग लगाया। इसके पश्चात ब्रह्माकुमारीज की क्षेत्रीय निर्देशिका राजयोगिनी मनोरमा दीदी ने सभी को परमात्मा शिव की वाणी सुनाई तथा शिवरात्रि के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारीज के हेड क्वार्टर माउंट आबू से भेजे गए प्रतिज्ञा पत्र को पढ़कर सामूहिक रूप से लोगों से स्वयं को पावन बनाकर विश्व को पावन बनाने की प्रतिज्ञा कराई। शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए मनोरमा दीदी ने कहा परमात्मा शिव निराकार ज्योति बिंदु स्वरूप है तथा ब्रह्मा विष्णु और शंकर के रचयिता होने के कारण उन्हें त्रिमूर्ति भी कहा जाता है। संसार में जब चारों तरफ पाप और अज्ञान का अंधेरा छा जाता है, उस घोर कलयुग रूपी रात में परमात्मा शिव एक साधारण वृद्ध मनुष्य के तन का आधार लेते हैं तथा उन्हें प्रजापिता ब्रह्मा नाम देते हैं। और उनके द्वारा ज्ञान गंगा को बहाकर जन-जन को अपने दिव्य ज्ञान और योग से पवित्र बनाकर तमो प्रधान बन चुकी आत्माओं को पुनः सतो प्रधान बनाते हैं। इसका यादगार ही हम वर्तमान समय में शिवरात्रि का पर्व मनाते हैं। उन्होंने बताया परमात्मा शिव को याद करने से हमारे अंदर के पांच विकार काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार नष्ट होते हैं तथा हमारे अंदर ज्ञान,पवित्रता, सुख शांति, प्रेम, शक्ति आदि का विकास होता है। उन्होंने कहा शिव को धतूरे का फल और फूल, भांग, बेलपत्र, बेर, दूब आदि चढ़ाया जाता है इनका भी आध्यात्मिक अर्थ होता है। उन्होंने कहां जब हम परमात्मा शिव को सच्चे अर्थ में जानकर उन्हें पिता स्वीकार कर और उनकी स्नेहयुक्त याद में रह अपने कर्म करेंगे तभी हम सच्चे अर्थ में शिवरात्रि मना सकेंगे और पुनः सतो प्रधान बन सकेंगे। तब ही भारत में दैवीय दुनिया, सतयुग आ सकेगा।
कार्यक्रम में सुषमा दीदी, शैलजा बहन, शालिनी, निशा, प्रियंवदा,श्रद्धा, पूजा सहित सैकड़ों की तादाद में भाई-बहनें उपस्थित रहे तथा सभी ने मिलकर शिव ध्वज फहराया उसके पश्चात भोग प्रसाद का वितरण किया गया।