Home उत्तर प्रदेश लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की मिसाल है, सुनील

लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की मिसाल है, सुनील

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कुशीनगर ब्यूरो: लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर भारतीय इतिहास में एक ऐसी शासिका के रूप में जानी जाती हैं, जिनका जीवन आध्यात्मिकता, धर्म-कर्म और सुशासन का अनुपम संगम था। उनके इसी अनन्य स्वरूप ने उन्हें पुण्य श्लोक की उपाधि प्रदान की। उनकी शिवभक्ति और धार्मिक कार्यों के प्रति समर्पण ने उन्हें युगों तक अमर बना दिया। लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की मिसाल है। उनके धार्मिक कार्य आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं।
यह बातें भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय महामंत्री सुनील गुप्ता ने गुरुवार को रविन्द्र नगर भाजपा कार्यालय में आयोजित पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होलकर जन्म त्रिशताब्दी स्मृति अभियान जिला संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर भारतीय इतिहास की उन महान नारियों में से हैं, जिन्होंने नारी शक्ति, प्रशासनिक दक्षता और धर्म-परायणता का ऐसा अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसकी स्मृति आज भी भारतीय जनमानस में श्रद्धा के साथ अंकित है। हनुमान इण्टर कालेज पडरौना के प्रधानाचार्य शैलेन्द्र दत्त शुक्ल ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई ने महिलाओं के मान-सम्मान को बढ़ाने के उद्देश्य से नारी शिक्षा पर जोर दिया। इससे पहले महिलाओं को केवल घरों में थोड़ा बहुत पढ़ाने का चलन था, जिसे आगे स्कूल शिक्षा तक बढ़ाने में विस्तार मिला। विधवा महिलाओं को यह अधिकार दिया कि वह पति द्वारा छोड़ी गई सम्पत्ति की उत्तराधिकारी होंगी एवं अपनी इच्छानुसार उसका उपयोग भी कर सकेंगी। उन्हें महिला सशक्तीकरण का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने महिलाओं की एक सेना गठित की। उन्हें हथियारों का प्रशिक्षण दिया और युद्ध की तकनीक सिखाई।
अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष दुर्गेश राय ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने अपने राज्य में दलितों आदिवासियों और पिछड़ों के उद्धार के लिए अनेक कार्य किये। इस कालखण्ड में घोर छुआछूत का सामना कर रहे दलितों के उत्थान के साथ ही उन्होंने वनवासी समाज को भी जंगलों का जीवन छोड़ गाँव में बसने और किसानों के रूप में कार्य करने के लिए सहमत किया।
पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि नारी सशक्तिकरण की मिसाल कायम किया। भारत को विकसित राष्ट्र बनना है तो अहिल्याबाई होलकर के विचारों को आत्मसात करना होगा।
संगोष्ठी को पूर्व जिलाध्यक्ष जगदम्बा सिंह,बंका सिंह, डॉ सुनीता पाण्डेय, एडवोकेट किशोर यादव ने भी सम्बोधित किया। संचालन जिला उपाध्यक्ष व अभियान संयोजक विजय कुमार शुक्ल ने किया।
इस अवसर पर रामेश्वर कुशवाहा, सुदर्शन पाल, सन्तोष दत्त राय,रमेश सिंह, एडवोकेट सीता सिंह, विवेकानंद शुक्ल, रामगोपाल गुप्ता, अतुल श्रीवास्तव, बाबू नन्दन सिंह,नगर पंचायत अध्यक्ष सुनीता चौधरी, चन्द्र प्रभा पाण्डेय, अजय राय,रविन्द्र प्रसाद, रुपम सिंह,राजनेति कश्यप, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि संदीप सिंह, धन्नजय तिवारी, विश्वरंजन कुमार आनन्द,नमो नारायण मौर्य,सत्येन्द्र सिंह,राजेश शुक्ला, सभासद बबलू खरवार, प्रमोद श्रीवास्तव, पीयूष सिंह,आदि उपस्थित थे।