Home इटावा यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने से किसानो की फसले डूबी

यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने से किसानो की फसले डूबी

117
0

इटावा /बकेबर यमुना नदी के लगातार बढ रहे जलस्तर के चलते बकेवर. व लवेदी क्षेत्र के दर्जनों गांवों के किसानों की मूंग व बाजरा सहित हरी सब्जियों की फसल पानी में डूबने लगी हैं। वहीं इसी हिसाब से जलस्तर बढने से कुछ गांवों का सम्पर्क भी बकेवर, लखना से टूट जाएगा।
लगातार चार दिनों से हो रही बारिश व हथिनी कुंड से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का भी जलस्तर लगातार बढता जा रहा है। जिसके चलते प्रशासन भी सतर्क हो गया है। वहीं बकेवर थाना क्षेत्र के यमुना नदी के किनारे बसे गाँव दिलीपनगर,मडैया,मडैया यादवान,खिल्लू मडैया,इकनौर के किसानों की फसलें बाजारा,मूंग सहित हरी सब्जियों लौकी,तोर ई,टिन्डे,भिन्डी की फसलें डूब गयी हैं। इस समय दिलीपनगर के किसान शिववीर,अरविन्द, ओमकार,सुशील,मानसिंह व मडैया के किसान मथुरा सिंह,निर्भय सिंह,लखपत सिंह,राम आसरे सहित अन्य तमाम किसानों की फसलें भी डूब गयी हैं। इससे इन किसानों की फसलों के साथ साथ नलकूप तक डूब गये हैं। अब पानी बढने की रफ्तार लगातार जारी है। अभी गाँव के पास आने में देर रात लग जाएगी ऐसा ग्रामीण कह रहे हैं।
वहीं लवेदी क्षेत्र के ग्राम मुचाई,बिलहटी,कन्धेसीघार,बिझावली,रामगढ,व बसैया कछार में भी यमुना नदी के जलस्तर बढने से किसानों की फसलें डूबने लगी हैं। किसानों के द्वारा अपने जानवरों व खाने के लिए बाजरा व मूंग की फसलें खेतों में बो रखी थी। इसके अलाबा हरी सब्जियों की भी खेती किसानों के द्वारा की गयी थी लेकिन इस समय यमुना नदी के जलस्तर बढने से लगातार किसानों की धडकने बढने लगी हैं। वहीं सबसे ज्यादा दिक्कत ग्राम नन्दगवां व मुचाई व बिझावली में रहती है। जहां लोगों की सडकें तक डूब जाती हैं। गाँव में नाव डालकर लोगों को नवादा टकरुपुर सड़क पर आना पडता है। वहीं बीहड़ में बसे गाँव बसैया कछार यहां की स्थित सबसे ज्यादा खराब हो जाती है। यहां जानवरों के साथ लोगों के घरों में कैद होने के साथ बिजली कटौती होने पर अंधेरे में गुजारा करना पड़ता है। यहां पर शासन प्रशासन द्वारा मुहैया होने बाली रसद सामग्री भी स्थानीय लेखपाल व ग्राम प्रधान बमुश्किल पहुंचाने का काम नाव से कर पाते हैं।
इन सब पुरानी स्मृति के साथ लोगों की धडकनें बढने लगी है। अब यमुना नदी का जलस्तर किस स्तर तक बढे यह आने बाला समय ही बतायेगा। फिलहाल उपजिलाधिकारी चकरनगर के लिए यह परीक्षा की कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि इसी क्षेत्र में ज्यादा गाँव नदी के किनारे बसे हुए हैं। फिलहाल शासन प्रशासन कमर कसकर तैयारी में जुटा हुआ है।