YAMUNA PAR/PRAYAGRAJ: मेजा तहसील अंतर्गत मोनाई गांव में सरकार पौधरोपण के लिए जोर दे रही है, वहीं वन विभाग की मिलीभगत से लकड़ी माफिया हरे फलदार वृक्ष धड़ल्ले से काट रहे हैं। ग्रामीणों की सूचना देने के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। मंगलवार को तहसील क्षेत्र में लकड़ी माफिया द्वारा हरे वृक्षों को काटा गया। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र के कई गांवों में बीते दिनों भी पेड़ काटे गए थे, जिसका वन विभाग को सूचना दी जाती है तो मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। ग्रामीणों का कहना था कि सरकार पौधे लगाने के लिए जोर दे रही है, रुपये भी खर्च कर रही है, लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से हरे फलदार वृक्षों को लकड़ी माफिया धड़ल्ले से काट रहे हैं। उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। देखा जाए तो चंद पैसे के लालच में वन माफियों द्वारा हरे फलदार पेड़ों पर जमकर आरी चलाई जा रही है। और वन माफिया कुदरती आक्सीजन देने वाले हरे भरे फलदार पेड़ों को काटने से बाज नही आ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन माफिया वन विभाग की मिलीभगत से पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। कुछ ठेकेदार वन विभाग के अधिकारियों से मिलकर आठ दस पेड़ काटने की अनुमति ले लेते हैं और उसी की आड़ में बड़े-बड़े बाग काट देते हैं। क्षेत्र के कई गांवों में लगातार हरे भरे पेड़ काटे जा रहे है। वन विभाग व प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं जिससे वन माफियाओं के हौसले बुलंद है। जो यह पूरा मामला मांडा थाना क्षेत्र का है।