प्रयागराज। बीते दिनों इलाहाबाद में हुए उमेश पाल मर्डर केस में मुस्लिम बोर्डिंग हाउस में रह रहे एक अवैध छात्र की कथित संलिप्तता के आधार पर छात्रावास में रहने वाले दूसरे वैध अन्तःवासियों के भीतर प्रयागराज पुलिस द्वारा भय बनाया जा रहा है। प्रयागराज पुलिस ने छात्रावास के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर कमरों को सील कर दिया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन व छात्रावास के वार्डन के पास छात्रावास में रह रहे सभी वैध व अवैध छात्रों की जानकारी/सूची होती है। इसके बावजूद तथाकथित संलिप्तता वाले व्यक्ति पर व्यक्तिगत कार्यवाही करने के बजाय पूरे छात्रावास के अन्तःवासियों को चपेट में लिया जा रहा है। जिसका असर छात्रों की मानसिक स्थिति और पढ़ाई दोनों पर पड़ रहा है।
जहां एक तरफ छात्रों ने दिसंबर/जनवरी में महंगी फीस जमा कर विश्वविद्यालय के हॉस्टल में एडमिशन लिया था। छात्रावास लिए हुए दो महीने भी नही गुजरे कि चलते सत्र में छात्रों को हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब परास्नातक के छात्रों की सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं। मार्च-अप्रैल में लगातार स्नातक की वार्षिक परीक्षाएं लगी हुई है। आजकल में नेट/जेआरएफ की परीक्षाएं भी हैं। इसी बीच में छात्रावास को खाली कराकर छात्रों का न सिर्फ मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है बल्कि उनके भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है।
आइसा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा जिला प्रशासन दोनों से यह मांग करता है कि मुस्लिम बोर्डिंग हाउस से कथित संलिप्तता रखने वाले व्यक्ति पर लगे आरोप के आधार पर समूचे अन्तःवासियों पर किये जा रहे उत्पीड़न पर रोक लगाए. छात्रों की परीक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें सुरक्षित वापस छात्रावास बुलाया जाए। किसी घटना को आधार बनाकर पूरे मुस्लिम छात्रावास को निशाना बनाना बंद किया जाए.
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