Home उत्तर प्रदेश माहे रमज़ान का पहला अशरा व दस रोज़े पूरे

माहे रमज़ान का पहला अशरा व दस रोज़े पूरे

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PRAYAGRAJ धीरे धीरे माहे मुक़द्दस रमज़ान के दस रोज़े मुकम्मल हो गए।रहमत बरकत और मग़फिरत की तीन अशरों में विभाजित दस दिन का पहला अशरा रहमत का अन्तिम दिन समाप्त हो गया। उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के मुताबिक़ रमज़ान के पूरे माह तिलावत ए कलाम ए पाक के साथ रोज़ादार कसरत से इबादत में लगे हुए हैं,अपने रब को राज़ी रखने और रहमत की बारिश से फ़ैज़ हासिल करने को जहां रोज़ा रख रहे हैं वहीं क़ुरआन मजीद की तिलावत ,सदक़ा खैरात से ग़रीब ग़ुरबा की मदद करना ज़रुरतमन्दों की मदद के साथ लोगों को रोज़ा खुलवाने को इफ्तारी का बन्दोबस्त कर खैर ओ बरकत हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
मौसम ठंडा होने के कारण इफ्तार में इस बार शर्बत का कम हो रहा इस्तेमाल
पिछले साल की बनिस्बत इस साल थोड़ा मौसम ठंडा हैं और रोज़ा रखने में गर्मी भी आड़े नहीं आ रही है तो रोज़ादारों को इफ्तार में शर्बत व ठण्डे पानी की भी आवश्यकता नहीं पड़ रही है।रोज़ादार शैज़ी सय्यदाह का कहना है कि मौसम खुशगवार बना है वहीं पहले से तरहां तरहां के शर्बत तो खरीद लिए गए थे लेकिन इफ्तार में शर्बत की जहां चाय ही पी जा रही है। उनका कहना है मौसम सर्द है और आगे के रोज़े भी रखने हैं। ऐसे में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते जिसके कारण रोज़ा छूटे इस कारण अभी शर्बत नहीं बनाया जा रहा। वहीं अगर शर्बत बना तो बच्चों को भी नहीं रोका जा सकता। माहे रमज़ान में पूर्व वर्षों की तरहां इस वर्ष भी छोटे छोटे बच्चों में दीनी तालीम हासिल कराने और मसले मसायल की जानकारी दिलाने को बख्शी बाज़ार स्थित मस्जिद क़ाज़ी साहब में मौलाना मोहम्मद ताहिर, करैली में इबादत खाना अल खिज़रा में मौलाना मोहम्मद अली द्वारा पांच वर्ष से बाराह वर्ष तक के बच्चों व बच्चीयों को बाद नमाज़ ज़ोहरैन दीनी तालीमात की शिक्षा दी जा रही है।वहीं दरियाबाद व रानी मण्डी में भी दीनी क्लासेज़ चल रही हैं। मौलाना सैय्यद जव्वादुल हैदर रिज़वी ने बताया की सभी बच्चों का तीन राउंड का कैम्प चलेगा और उसमें सभी बैच के सेलेक्ट हुए प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वालों अन्तिम दौर के फाइनल मुकाबले में प्रथम द्वितीय व तृतीय के साथ प्रोत्साहन पुरुस्कार से ओलमा के हाथों नवाजा जाएगा।