मर्जर आदेश वापसी तक संघर्ष रहेगा जारी
JHANSI NEWS: परिषदीय विद्यालय में चल रहे मर्जर के खिलाफ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय आह्वान पर ब्लॉक अध्यक्ष मऊरानीपुर माधव मिश्रा के नेतृत्व में शिक्षकों ने मऊरानीपुर विधायक प्रतिनिधि जयप्रकाश आर्य (पप्पू सेठ) को मुख्यमंत्री सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर प्रांतीय संगठन मंत्री अजय सिंह परिहार ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा परिषदीय विद्यालयों में कम छात्र संख्या को आधार बनाकर पेयरिंग/मर्जर किए जाने की कार्यवाही गतिमान है जो कि शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 एवं बाल अधिकार के सर्वथा विपरीत एवं विधि विरुद्ध है। शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 में प्रावधानित है कि प्रत्येक बच्चे के घर के एक किलोमीटर की परिधि व 300 की आबादी पर प्राथमिक विद्यालय और 3 किलोमीटर की परिधि व 800 की आबादी पर उच्च प्राथमिक विद्यालयो की स्थापना होगी। इसी के अनुरूप पूरे प्रदेश में विद्यालयों की स्थापना की गई है । विद्यालय में बच्चों के घटने का जिम्मेदार विभाग स्वयं है, जिसका मुख्य कारण परिषदीय विद्यालयों के निकट ही निजी विद्यालयों को नियम/मानक विरुद्ध मान्यता देना,गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों का निर्बाध गति से चलते रहना व विभिन्न शिक्षक भर्तियों के दौरान विद्यालयो में शिक्षकों का असमान वितरण करना, शिक्षक विहीन विद्यालयों में पिछले कई वर्षों से स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति न हो पाना,शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य कराना आदि। पिछले कई वर्षों में नित नए प्रयोगों के चलते बेसिक शिक्षा को प्रयोगशाला बना देने से ऐसी स्थितियां उत्पन्न हुई हैं। कतिपय विद्यालयों की यह छात्र संख्या एक दिन में नहीं घटी है। इन्हीं सब कारणों से धीरे-धीरे करके कुछ जगहों पर छात्र संख्या में कमी आई है जिसके लिए शिक्षक दोषी नहीं है। शिक्षक अपने स्तर से गांव में जाकर अभिभावकों और बच्चों से संपर्क करके उन्हें विद्यालयों तक लाते हैं।पेयरिंग/मर्जर के कारण जब यह विद्यालय बच्चों के घर से दूर हो जाएंगे तो ना तो शिक्षक प्रत्येक मजरे में जा पाएगा और ना ही सभी बच्चे दूर के विद्यालयों में पढ़ने जा पाएंगे। गांव और गरीबों के बच्चों की शिक्षा का मुख्य केन्द्र उनके घर के निकट स्थित यही परिषदीय विद्यालय हैं।अगर इन विद्यालयों को पेयरिंग/मर्जर करके दूसरे विद्यालयों में शिफ्ट कर दिया गया तो प्राथमिक शिक्षा इन छोटे-छोटे बच्चों से दूर हो जाएगी और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण छोटे छोटे बच्चों खास कर बच्चियों के लिए प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करना दुष्कर हो जाएगा।जिससे ड्रॉप आउट और विद्यालय छोड़ने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने से एक भयावह स्थिति उत्पन्न होगी जो प्रत्येक बच्चे के शिक्षा प्राप्त करने के मौलिक अधिकार एवं शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की मूल भावना के विपरीत होगी।शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है और विद्यालय दूर होने से शिक्षा ग्रहण करने पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा। इस अवसर पर अरविन्द दीक्षित, धीरेन्द्र प्रताप सिंह, हरिशंकर यादव, राकेश तिवारी,संजीव शर्मा, राजमणि पाठक, योगेन्द्र द्विवेदी, जगदीश ककौरिया, पुष्पेंद्र तिवारी, बृजेंद्र सिंह, राजा शर्मा, बृजेश पाठक, महेश द्विवेदी, रवि वर्मा , रवि कुशवाहा, प्रमोद वर्मा, संतोष वर्मा,जितेन्द्र पटेल, राजेन्द्र पाल, छिद्दू खान,शमा परवीन, निकहत जहां, मुक्ति पहारिया, लियाकत अली, मोहिनी गुप्ता, भगवत साहू, अनुपम द्विवेदी आदि मौजूद रहे।