Home उत्तर प्रदेश बाबा गंज विकास खण्ड में ग्रीष्मकालीन समर कैम्प का हुआ समापन

बाबा गंज विकास खण्ड में ग्रीष्मकालीन समर कैम्प का हुआ समापन

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PRATAPGARH: बाबागंज विकासखण्ड में संचालित 40 उच्च प्राथमिक एवं कम्पोज़िट विद्यालयों में समर कैम्प का आयोजन किया गया। शासन की मंशानुसार एवं विभागीय दिशानिर्देश के क्रम में दिनाँक 21 मई से 10 जून 2025 के मध्य 17 दिवसीय ग्रीष्मकालीन समर कैम्प का आयोजन किया गया। यह आयोजन प्रदेश के समस्त उच्च प्राथमिक एवं कम्पोज़िट विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा 6 से 8 तक अध्ययनरत बच्चों के लिए आयोजित किए गये थे। राज्य परियोजना निदेशक के आदेश के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के अधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 तक पढ़ने वाले बच्चों में विभिन्न प्रकार के हुनर का विकास करने के उद्देश्य से 17 दिवसीय समर कैम्प संचालित किया गया। इस समर कैम्प में अवकाश के दिनों को छोड़कर प्रत्येक दिवस के लिए परियोजना द्वारा गतिविधियाँ निर्धारित की गयी थीं, जिनमें योग, व्यायाम, चित्रकला, संवाद, वाद विवाद, गोष्ठी आदि। आदेश के क्रम में बाबागंज विकासखण्ड के खण्ड शिक्षा अधिकारी आशीष मिश्रा के निर्देशन में 40 विद्यालयों में प्रत्येक विद्यालय में 2 मेन्टर के अनुसार कुल 80 मेंटरों के द्वारा 17 दिवसीय समर कैम्प में प्रत्येक दिन निर्धारित गतिविधियों का आयोजन किया गया। आशीष मिश्रा के अनुसार समर कैम्प बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करने का एक बेहतरीन विकल्प है। इनके माध्यम से बच्चों में कला, खेलकूद, योग आदि के महत्व के साथ ही भावी जीवन में इसे अपनाने के किए प्रतिबद्धता का आविर्भाव हुआ। विकासखण्ड में तैनात एकेडमिक रिसोर्स पर्सन- राहुल मौर्य, सन्तोष कुमार, विनोद कुमार यादव, रमाकान्त मिश्रा एवं बबलू सोनी के द्वारा भी समर कैम्प में सहयोग किया गया। ब्लॉक पीटीआई पंकज सिंह द्वारा बताया गया कि समर कैम्प से बच्चों में जिज्ञासा एवं उससे जुड़ी जा जानकारी का विकास हुआ। 17 दिवसीय समर कैम्प का अन्तिम दो दिन बहुत ही महत्वपूर्ण रहा। इन दिनों में बच्चों एवं तैनात अनुदेशकों व शिक्षा मित्रों के द्वारा जो भी कार्य, गतिविधियाँ की गईं उनका मूल्यांकन करते हुए उनके कार्यों को सराहा गया साथ ही अन्तिम दिवस में अभिभावकों के भी फ़ीडबैक लिए गये। खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा विभिन्न विद्यालयों में उपस्थित होकर समर कैम्प की गतिविधियों के क्रियान्वयन को देखा गया। औऱ सराहनीय कार्य करने वाले अनुदेशकों एवं शिक्षामित्रों को सम्मानित करने की योजना का निर्माण भी किया गया।