आवासीय सुविधा में अनियमितताओं को लेकर कई अखबारों से खबर प्रकाशित होने के बाद भी अधिकारियों ने नहीं लिया संज्ञान,,ग्रामीणों ने प्रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र देकर जनपद के उच्चाधिकारियों से की थी जांच की मांग किंतु भ्रष्टाचार में संलिप्त महकमे के कानों पर नहीं रेंगी जूँ,,
ग्रामीणों ने प्रार्थनापत्र के साथ शपथपत्र देकर जनपद के उच्चाधिकारियों से की थी जांच की मांग किंतु भ्रष्टाचार में संलिप्त महकमे के कानों पर नहीं रेंगी जूँ,,
जनपद के विकासखंड बलहा निहित ग्राम पंचायत बगहा के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान तथा संबंधित पंचायत अधिकारी अटल पर लगाए हैं गंभीर आरोप बताया कि दूसरे ग्रामसभा के व्यक्तियों को ग्राम पंचायत बगहा से दे दिया गया है आवास जबकि उस व्यक्ति का राशनकार्ड जॉबकार्ड तथा वोटर लिस्ट में नाम पुरैना भवानीबक्श में दर्ज है तथा कई ऐसे व्यक्तियों को आवास जारी किए गए हैं जो इस ग्राम पंचायत के ना तो निवासी हैं ना ही इन लोगों का घर व घर बनाने की जमीन ही ग्राम सभा में उपलब्ध है। दिए गए आवास में फोटो भी दूसरे ही व्यक्तियों के लगाई गई हैं और पैसा आवंटित कर दिया गया है। इस ग्रामसभा की कई महिलाओं का आरोप है कि दस रूपये प्रति सैकड़ा की ब्याज दर से उधार पैसे लेकर दस -दस हजार रूपये पंचायत मित्र व ग्राम प्रधान ने मिलकर आवास दिलाने के नाम पर लिए थे किंतु आवास अभी तक नहीं मिल पाया है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि उमेश द्वारा आवास आवंटन में काफी हेराफेरी के साथ झोपड़पट्टी वाले पात्रों के नाम आवास सूची से काट दिए गए हैं जिसके चलते पात्रों को आवासीय सुविधा मुहैया नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पंचायत चुनाव में हम लोगों ने वर्तमान ग्राम प्रधान के विपक्ष में वोट किया था इसलिए अब वह अपनी दबंगई से पेश आ रहे हैं और हम झोपड़पट्टी वाले पात्रों को आवासीय सुविधा देने में आनाकानी कर रहे हैं। इस संबंध में ग्राम पंचायत बगहा निवासी राममूरत राजाराम विनीता टीकाराम कल्लू किरण देवी श्याम कुमार हजारी प्रसाद सोनी देवी इंग्लेश आदि ने प्रार्थनापत्र के साथ आवासीय आवंटन में अनियमितता को लेकर अपने शपथ पत्र भी जनपद के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा खंड विकास अधिकारी को दिए थे किंतु लगभग एक माह का समय व्यतीत हो चुका है लेकिन यहां पर अभी तक किसी प्रकार की स्थलीय जांच नहीं कराई गई है। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी बलहा से बात की गई तो उन्होंने बताया की जांच कर पात्रों को सुविधा मुहैया कराई जाएगी किन्तु कई दिनों बाद भी किसी प्रकार की कोई जांच नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने बताया कि खंड विकास अधिकारी ने आकर ग्राम रोजगार सेवक के यहां चाय पिया और वापस चले गए। ऐसे ग्राम प्रधान और पंचायत अधिकारी की मिलीभगत से ही केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा गरीबों में दी जाने वाली तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। ऐसे में ग्रामांचल ग्रामीणों का उत्थान तथा धरातलीय विकास कैसे संभव है। इसी तरीके के कुछ भ्रष्ट ग्राम पंचायत अधिकारी तथा ग्राम प्रधानों की रिश्वतखोरी तथा भ्रष्टाचार के चलते योगी सरकार पर कालिख लग रही है और योगी सरकार के विकास की योजनाओं पर पानी फेरा जा रहा है। यहाँ सबका साथ सबका विकास का स्लोगन ही डूब रहा है।
अब देखना है खबर प्रकाशित होने के बाद क्या उच्चाधिकारी संज्ञान लेकर फरजी आवास आवंटन करने वाले ग्राम प्रधान तथा पंचायत अधिकारी पर एफ आई आर दर्ज करवाने व गरीब ग्रामीणों को न्याय दिलाने में सक्षम हो पाते हैं अथवा ऐसे ही चलता रहेगा भ्रष्टाचार का बड़ा खेल।
ग्रामीणों ने कहा यदि नहीं मिलेगा न्याय तो जिला अधिकारी कार्यालय में करेंगे प्रदर्शन,,
बहराइच से आर.एन. तिवारी की रिपोर्ट