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बनारस के बिजली कर्मियों ने 190वें दिन पकौड़ा तलकर निजीकरण के विरोध में की अनोखा विरोध प्रदर्शन 

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निजीकरण की प्रक्रिया को अंजाम देने में लगा है पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन,पूर्वांचल डिस्कॉम में अभियन्ताओं का स्थानान्तरण किये जाने से बिजली कर्मियों में फैला गुस्सा

वाराणसी। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ0प्र0 के बैनर तले आज गुरूवार को 190वें दिन बिजली के निजीकरण के विरोध में भिखारीपुर स्थित प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर पूरे आक्रोश के साथ जोरदार नारो के बीच विरोध प्रदर्शन करते हुए बिजली कर्मियो ने पकौड़ा तलकर निजीकरण के विरोध में आज एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है।ई0 एस0के0सिंह ने आरोप लगाया है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन और चेयरमैन निजी घरानों के साथ मिलीभगत कर कौड़ियों के दाम 42 जनपदों का बिजली का निजीकरण करने में लगे हैं। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि निजीकरण के नाम पर अभियन्ताओं को अनावश्यक रूप से दण्डित किया गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक द्वारा प्रशासनिक आधार पर अभियन्ताओं का स्थानान्तरण किये जाने के सम्बन्ध में बिजली कर्मियों में गुस्सा फैल गया है। ई0 पंकज जायसवाल ने अपने संबोधन में आरोप लगाया कि पॉवर कारपोरेशन शीर्ष प्रबन्धन और चेयरमैन की निजी घरानों के साथ मिलीभगत है।अंकुर पाण्डेय ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वर्ष 2017 में 41 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2024 में एटी एण्ड सी हानियां 16.5 प्रतिशत रह गयी हैं। किन्तु 2025-26 के लिए पॉवर कारपोरेशन द्वारा दिये गये एआरआर में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की 2024-25 में 18.49 प्रतिशत हानियों के सापेक्ष बढ़ाकर 36.08 प्रतिशत और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में 2024-25 में 18.97 प्रतिशत के सापेक्ष बढ़ाकर वर्ष 2025-26 में 28.48 प्रतिशत हानियां दिखाई गयी हैं। सवाल यह है कि आरडीएसएस स्कीम में प्रणाली सुधार में हजारों करोड़ रूपये खर्च करने के बाद बढ़ी हुई हानियां किस आधार पर दिखाई गयी हैं। साफ है कि निजीघरानों को लाभ दिलाने हेतु बढ़ा-चढ़ा कर प्रबन्धन घाटा दिखाया जा रहा है जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। इसी प्रकार लाखों करोड़ रूपये की परिसम्पत्तियां निजी घरानों को कौड़ियों के मोल बेचने के लिए साजिश रची जा रही है। 42 जनपदों की सारी जमीन मात्र 1 रूपये की लीज पर निजीघरानों को देने की तैयारी है। संघर्ष समिति निजीकरण के पीछे हो रहे घोटालों का चरणबद्ध ढंग से खुलासा करेगी।विजय नारायण हिटलर ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन ने कल यह धमकी दी है कि अनुशासनहीनता करने वाले अभियन्ताओं को नगरीय क्षेत्र से स्थानान्तरित किया जाये और 15 जून से पहले ऐसे अभियन्ताओं की सूची भेजी जाये। जिन्हें प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरित किया जाना है। संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के विरोध में विगत 06 माह से चल रहे आन्दोलन से बौखलाये हुए पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन उत्पीड़न पर उतर आये हैं। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से वे लगातार अभियन्ताओं को डरा-धमका रहे हैं और धमकी दे रहे हैं। सवाल यह है कि निजीकरण के विरोध में शान्तिपूर्वक आन्दोलनरत बिजली कर्मी जो सर्वोच्च प्राथमिकता पर उपभोक्ता सेवाओं को अटेण्ड कर रहे हैं, किस अनुशासनहीनता के दोषी हैं जिसके लिए चेयरमैन उन्हें नगरीय क्षेत्र से बाहर स्थानान्तरित करने का आदेश दे रहे हैं।वाराणसी में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक द्वारा इसी प्रकार 6 अभियन्ताओं को दण्डित करने की दृष्टि से स्थानान्तरित किया गया है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि यदि यह सभी स्थानान्तरण निरस्त न किये गये, अभियन्ताओं को दी गयी चार्जशीट वापस न ली गयी और किसी भी अभियन्ता को इस आधार पर दण्डित करने की कोशिश की गयी तो इसके विरोध में प्रान्तव्यापी आन्दोलन होगा।जिसकी सारी जिम्मेदारी पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन की होगी।सभा की अध्यक्षता जमुना पाल ने एवं संचालन सौरभ श्रीवास्तव ने किया।सभा को सर्वश्री ई0 मायाशंकर तिवारी, ई0नरेंद्र वर्मा,ई0 गुलाबचन्द रविन्द्र यादव,संतोष वर्मा,कृष्णा सिंह,आशा जी ,मोनिका केशरी,अंकुर पाण्डेय, ,ई0एस0के0 सिंह,ई0के0के0 ओझा,ई0 राहुल श्रीवास्तव, मनोज यादव,उदयभान दुबे,आदि ने संबोधित किया।