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फूड प्लाजा में यात्रियों को नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं, यूपीडा की व्यवस्थाओं की खुली पोल

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ETAWA: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 302 किलोमीटर है, जिसे यूपीडा द्वारा निर्मित और संचालित किया गया है। इस एक्सप्रेसवे पर चार स्थानों पर फूड प्लाजा बनाए गए हैं, ताकि यात्रियों को सफर के दौरान भोजन, जलपान, शौचालय, आरामगाह और अन्य आवश्यक सुविधाएं आसानी से मिल सकें। आगरा से लखनऊ की ओर जाने वाले किलोमीटर संख्या 101 व 217 पर फूड प्लाजा संचालित हैं। एवं लखनऊ से आगरा की ओर जाते समय चैनल 227 एवं  सैफई क्षेत्र में पडने वाले चैनल नंबर 104 में फूड प्लाजा संचालित किए जा रहे हैं। यूपीडा की वेबसाइट पर इन फूड प्लाजा को हाई स्टैंडर्ड सुविधाओं से युक्त बताया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। दैनिक जागरण की टीम ने जब सैफई क्षेत्र स्थित चैनल नंबर 104 पर बने फूड प्लाजा का स्थलीय निरीक्षण किया तो पाया कि यात्रियों के लिए यहां मूलभूत सुविधाओं का भी घोर अभाव है। परिसर में बने पुरुष और महिला शौचालयों की स्थिति अत्यंत खराब है। फर्श पर पानी भरा रहता है, नलों में लीक है, दरवाजे क्षतिग्रस्त हैं और बदबू इतनी है कि प्रवेश करना मुश्किल हो जाए। विकलांग पुरुष और महिलाओं के लिए बनाए गए विशेष शौचालय तो हमेशा ताले में बंद मिले। वॉशरूम की नियमित सफाई नहीं हो रही है और कोई कर्मचारी आसपास नजर नहीं आया। फूड प्लाजा में प्रथम तल पर रेस्टोरेंट संचालित है, लेकिन वहां यात्रियों के लिए कोई वातानुकूलन व्यवस्था नहीं है। एसी बंद रहते हैं और केवल पंखा चालू मिलता है, जिससे भीषण गर्मी में लोगों को दिक्कत होती है। खाने-पीने की दरें बाजार से कई गुना अधिक हैं, जबकि गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई। सेल्फ सर्विस के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है।
फूड प्लाजा परिसर के ग्राउंड फ्लोर पर संचालित ढाबा भी बदहाली की मिसाल बन गया है। यात्रियों से टोकन लेकर उन्हें कई मिनट तक लाइन में खड़ा किया जाता है और प्लेटें थमा दी जाती हैं। पीने के पानी की कोई अलग व्यवस्था नहीं है, गिलास नहीं दिए जाते, बोतल खरीदने को बाध्य किया जाता है। खबर के दौरान मिले लखनऊ निवासी यात्री शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि शौचालय में गंदगी इतनी थी कि परिवार को बाहर ही रोकना पड़ा। लखनऊ की सुमन देवी ने बताया कि खाना महंगा होने के बावजूद उसकी गुणवत्ता बेहद खराब है। कर्मचारियों के पास कोई यूनिफॉर्म नहीं है, न ही व्यवस्थापक का कोई अता-पता होता है। यात्रियों की शिकायत दर्ज करने के लिए यूपीडा ने हर फूड प्लाजा में शिकायत रजिस्टर रखने की व्यवस्था की है, लेकिन सैफई के इस फूड प्लाजा में यह व्यवस्था कागजों तक ही सीमित है। यात्रियों से पूछने पर किसी को भी शिकायत रजिस्टर की जानकारी नहीं थी और वहां मौजूद स्टाफ ने भी अनभिज्ञता जताई। यूपीडा की गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक फूड प्लाजा पर शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय, दिव्यांगजनों के लिए अलग सुविधा, वातानुकूलित विश्राम स्थल, बाजार दर पर खाद्य सामग्री, प्रशिक्षित स्टाफ, सफाई कर्मचारियों की तैनाती और शिकायत समाधान की व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन सैफई के चैनल नंबर 104 पर स्थित इस फूड प्लाजा की स्थिति यूपीडा की सभी गाइडलाइनों के उल्लंघन का प्रमाण बन चुकी है। यूपीडा की जिम्मेदारी थी कि इन स्थलों पर समय-समय पर निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त रखे, लेकिन निरीक्षण के नाम पर केवल खानापूरी की जा रही है। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए बनाए गए यह फूड प्लाजा अब उपेक्षा, अनियमितता और लापरवाही की मिसाल बनते जा रहे हैं। अगर यूपीडा ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होंगे और यात्रियों का विश्वास भी टूटेगा।
– यूपीडा की वेबसाइट पर दर्ज गाइडलाइनों के अनुसार यात्रियों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए ये सुविधाएं-
– स्वच्छ एवं सुगम शौचालय
– दिव्यांगों के लिए पृथक वॉशरूम
– शुद्ध पेयजल व गिलास की उपलब्धता
– वातानुकूलित विश्राम स्थल
– मानक दर पर भोजन सामग्री
– प्रशिक्षित स्टाफ व नियमित सफाई
– शिकायत रजिस्टर व समाधान प्रणाली
बीपी सिंह, सीनियर मैनेजर डेवलपमेंट एंड ऑपरेशन मेंटेनेंस ने बताया”शिकायत रजिस्टर फूड प्लाजा पर हमेशा मौजूद रहता है, हाल के दिनों में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। रेस्टोरेंट में एसी चालू रहते हैं जबकि ढाबे में एसी की व्यवस्था नहीं है। सफाई नियमित रूप से कराई जाती है, फिर भी कहीं कोई कमी होगी तो उसका जल्द निस्तारण कराया जाएगा। ड्रेस कोड का पालन न करने वाले कर्मचारियों को निर्देशित किया जाएगा। यात्रियों की सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।