केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में फिनटेक वर्कशॉप के दौरान कहा कि फास्टैग को सिर्फ टोल वसूली तक सीमित नहीं रखा जाएगा। इसे डिजिटल ट्रैवल और ट्रांसपोर्ट सेवाओं के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा, जिससे यात्रियों को ज्यादा सुविधा और पारदर्शिता मिलेगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को फास्टैग को उपयोगिता को टोल से आगे ले जाने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फास्टैग सिस्टम देशभर में डिजिटल यात्रा अनुभव को आसान और सुविधाजनक बनाने की अपार क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि सरकार अब इस तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ टोल वसूली तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि इसे एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है।
बता दें कि भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) की तरफ से दिल्ली में आयोजित एक वर्कशॉप के दौरान गडकरी ने ये बात कही। यह कंपनी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की तरफ से प्रमोट की गई है। इस दौरान गडकरी ने कहा कि फास्टैग को अब ट्रांसपोर्ट और मोबिलिटी सेवाओं के दूसरे क्षेत्रों में भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी, सेवाओं में पारदर्शिता और दक्षता आएगी।
वर्कशॉप का क्या था उद्देश्य?
अब बात आईएचएमसीएल की ओर से आयोजित वर्कशॉप के उद्देश्य की करें को इस वर्कशॉप में देश की अग्रणी फिनटेक कंपनियों से यह जानने की कोशिश की गई कि कैसे फास्टैग का इस्तेमाल टोल के अलावा अन्य सेवाओं में हो सकता है। साथ ही सुरक्षा, शिकायत समाधान, और नियमों के पालन से जुड़े सुझाव क्या हो सकते हैं।
फास्टैग के अन्य इस्तेमाल पर अधिकारियों ने कहा कहा?
फास्टैग के अन्य इस्तेमाल को लेकर सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव वी उमाशंकर ने कहा कि भारत के फिनटेक सेक्टर ने कई नई और प्रभावशाली तकनीकी खोजें की हैं, और फास्टैग ने टोल वसूली की प्रक्रिया को पूरी तरह बदल दिया है। वहीं इसको लेकर एनएचएआई के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने कहा कि इस वर्कशॉप में मिले सुझावों से फास्टैग की उपयोगिता को और बढ़ाया जा सकेगा।