Home उत्तर प्रदेश पीएम के प्रधान सचिव ने बरेका में भ्रमण करते हुए किया निरीक्षण

पीएम के प्रधान सचिव ने बरेका में भ्रमण करते हुए किया निरीक्षण

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Banaras Railway Engine :प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के.मिश्रा ने बनारस रेल इंजन कारखाना का आज शुक्रवार को दोपहर में भ्रमण करते हुए निरीक्षण किया।महाप्रबंधक बासुदेव पांडा ने बरेका अधिकारी अतिथि गृह में शिष्टाचार मुलाकात की।इस अवसर पर आवास और शहरी मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव दीपक अग्रवाल, वाराणसी कमिश्नर कौशल राज शर्मा एवं जिलाधिकारी एस.राजलिंगम भी उपस्थित रहे।प्रधान सचिव ने बरेका के विभिन्न शॉपों लोको फ्रेम शॉप, हार्नेस शॉप, लोको असेम्बली शॉप, लोको टेस्ट शॉप का भ्रमण किया एवं रेल इंजन उत्पादन से संबंधित कार्यों का अवलोकन किया । साथ ही, उन्होंने लोको ड्राइवर कैब का भी निरीक्षण किया। इस दौरान महाप्रबंधक बासुदेव पांडा ने प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा को लोको उत्पादन गतिविधियों, निर्माण सुविधाओं, बरेका में चल रही परियोजनाओं के साथ ही उत्पादन प्रक्रिया एवं तकनीकी विषयों के बारे में विस्ताॉरपूर्वक जानकारी दी।महाप्रबंधक पांडा के साथ-साथ प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर एस.के. श्रीवास्तव, प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक रजनीश गुप्ता, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी श्री रणविजय, मुख्य इंजीनियर वी.के.शुक्ला , वरिष्ठ उप महाप्रबंधक विजय, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर/एस.ई.नीरज जैन, मुख्ये विद्युत इंजीनियर/लोको अरूण कुमार शर्मा, मुख्य अभिकल्प इंजीनियर/विद्युत लोको पी.पी.राजू, जन सम्पर्क अधिकारी राजेश कुमार के साथ ही काफी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे ।

 

 जल्द ही एक देश-एक पंचांग बनाया जायेगा -प्रो.नागेंद्र पांडेय

प्रातः काल एक्सप्रेस
वाराणसी।व्रत,तीज व त्योहारों की तिथियों पर पिछले कुछ वर्षों से बन रही भ्रम की स्थिति जल्द ही दूर होगी। एक देश-एक संविधान की तर्ज पर जल्द ही एक देश-एक पंचांग बनाया जाएगा। यह अनोखी पहल काशी विश्वनाथ मंदिर की चौखट से हुई है। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने पंचांगों में एकरूपता के लिए नई स्मृति निर्माण कराने का निर्णय लिया है। प्रयागराज महाकुंभ में यह नई स्मृति लोकार्पित होगी। इसके आधार पर ही एक देश-एक पंचांग का निर्माण किया जाएगा। स्मृति के निर्माण के लिए बीएचयू को केंद्र में रखा गया है।प्रो.. पांडेय ने इसके लिए काशी के विद्वानों का आह्वान किया है। नवंबर में स्मृति निर्माण समिति की पहली बैठक होगी। इसमें धर्मशास्त्र, ज्योतिषविदों के अलावा पंचांगकारों को भी शामिल किया जाएगा। बीएचयू के ज्योतिष विभाग और वैदिक विज्ञान केंद्र में ही स्मृति निर्माण के लिए विद्वानों की बैठक भी प्रस्तावित की जाएगी।प्रो. पांडेय ने बताया कि प्राचीन धर्मग्रंथों, स्मृति और पुराणों को आधार बनाकर, उसकी जांच पड़ताल करके सभी एक मन बनाकर नई स्मृति के निर्माण का श्रीगणेश करेंगे। तर्कसंगत मत और परंपराओं को ही इसमें स्थान दिया जाएगा। नई स्मृति को आधार बनाकर जब पंचांग का निर्माण होगा तो कश्मीर से केरल तक तिथि, त्योहार और व्रत में भ्रम की स्थिति नहीं होगी। इसमें पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण तक की परंपराओं और धर्मशास्त्रों का समावेश होगा। इससे सनातन धर्म की एकजुटता के साथ ही एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना भी साकार होगा,2023 में होली के बाद रक्षाबंधन, जन्माष्टमी और फिर अब देव दीपावली की तिथि पर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गया है। किसी ने उदया तिथि का तो किसी ने प्रदोषव्यापिनी तिथि का समर्थन किया है। ऐसे में आम जनता के सामने तो सबसे अधिक विकट स्थिति है कि वह किस तारीख को त्योहार मनाएं।काशी से निकलने वाले पंचांगों में विश्व पंचांग, श्री ऋषिकेश (काशी विश्वनाथ) पंचांग, बापूदेव शास्त्री प्रवर्तित दृक्सिद्ध पंचांग, ज्ञानमंडल सौर पंचांग, श्री महावीर पंचांग, श्री गणेश आपा पंचांग, ठाकुर प्रसाद पंचांग प्रमुख हैं।हिंदू पंचांग तीन तरह के होते हैं। इसमें पहला चंद्र आधारित, दूसरा नक्षत्र आधारित और तीसरा सूर्य आधारित कैलेंडर पद्धति है। भिन्न-भिन्न रूप में यह पूरे भारत में माना जाता है। एक साल में 12 महीने होते हैं। प्रत्येक महीने में 15 दिन के दो पक्ष होते हैं- शुक्ल और कृष्ण।