VARANASI NEWS: बाबा विश्वनाथ व माँ गंगा की नगरी के साथ संस्कृत और ज्ञान का केंद्र है। यहां दुनिया भर के लोग यहां आते हैं। संस्कृत के शास्त्रों में छिपी विद्या और ज्ञान को जानने के लिए जो भारतीय ज्ञान तत्वों को प्रकट करता है,1791 में अंग्रेजों ने बनारस संस्कृत कॉलेज की स्थापना की, जो ज्ञान की तप स्थली है। वैश्य सर्व समाज की महत्ता संख्या से नहीं, बल्कि आपके कार्यों से है।आपका प्रेम और समर्पण समाज के लिए अद्वितीय है।उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने आज गुरूवार को योग साधना केन्द्र में सर्व वैश्य समाज के द्वारा विद्यार्थियों के लिए परीक्षा भवन एवं अंतर्राष्ट्रीय छात्रावास में स्थापित दो बड़े वॉटर कूलर के उद्घाटन समारोह के अवसर व्यक्त किया।आज सर्व वैश्य समाज ने शुद्ध पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था के लिए दो बड़े वाटर कूलर संयन्त्र लगवाकर जल दान करने की परिभाषा को परिभाषित किया है।इस अवसर पर सर्व वैश्य समाज के अध्यक्ष और उद्योगपति आरऽ केऽ चैधरी ने कहा कि वर्तमान कुलपति प्रोऽ बिहारी लाल शर्मा के कार्यकाल को काशीवासी कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने इस काशी को, सनातन धर्म संस्कृति और देववाणी संस्कृत के लिए अमृत काल बताया। सर्व वैश्य समाज का इतिहास सेवा,समर्पण और त्याग का रहा है। समाज ने हमेशा देश और समाज की आवश्यकता में योगदान दिया है। कोरोना काल में भी समाज ने आगे बढ़कर कार्य किया था। आज का पुण्य कार्य पूरे वैश्य समाज के लिए है।प्रो शैलेश कुमार मिश्र ने स्वागत भाषण एवं संचालन किया।धन्यवाद ज्ञापित
दीपक बजाज ने किया। कार्यक्रम में प्रो सुधाकर मिश्र,उद्योगपति आरऽकेऽ चैधरी, दीपक कुमार बजाज, उमाशंकर अग्रवाल, प्रो अमित कुमार शुक्ल, अशोक जायसवाल, सर्वेश अग्रवाल, राजेश भाटिया, सुजीत गुप्ता, देव कुमार राजू, गौरी धानुका, सुरेश तुलस्यान, कन्हैया गुप्ता, पवन अग्रवाल, महेश चैधरी, कवीन्द्र जायसवाल, दीपक अग्रवाल, अवधेश गुप्ता, कृष्ण कुमार काबरा उपस्थित रहे।