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डेंगू के मरीज का डॉक्टर करते रहे मलेरिया टाइफाइड का इलाज, चिकित्सक की लापरवाही से जा सकती थी युवक की जान

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प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ जनपद के मानिकपुर नगर क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप बड़ी तेजी के साथ चल रहा है। प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। निजी चिकित्सक व नर्सिंग होम चलाने वालों की चांदी हो गई है। मनमानी ढंग से मरीजों से धना दोहन कर रहे हैं। धनादोहन के चक्कर में मरीज को सही स्थिति से भी नहीं अवगत कराते, चाहे उसकी जान भले ही चली जाए। डॉक्टर लूट मचा रखे हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। मानिकपुर नगर क्षेत्र के दौरी बाग निवासी राजेंद्र जायसवाल पुत्र संतोष कुमार जायसवाल की तबियत खराब होने पर 19 सितंबर को मानिकपुर नगर के मिरगड़वा स्थित हेमंत नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर हेमंत कुमार तिवारी ने बताया कि साधारण बुखार है, कोई घबराने की बात नहीं है। उन्होंने इलाज शुरू किया लेकिन इलाज से कोई आराम न मिलने के बाद दूसरे दिन फिर राजेंद्र कुमार को परिजन दिखाने के लिए ले गए । डॉ हेमंत कुमार ने कहा कि खून की जांच करवा लीजिए तो सही मर्ज का पता चल जाएगा। उनके कहने पर खून की जांच उन्हीं के नर्सिंग होम में कराई गई। रिपोर्ट देखने के बाद उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में मलेरिया और टाइफाइड का बुखार है। 21 दिन तक इलाज चलेगा तभी ठीक होगा। डॉक्टर ने मलेरिया का इलाज शुरू किया। तीसरे दिन इंजेक्शन भी लगाया और कहा कि परेशान होने की कोई बात नहीं है। परंतु उसके बावजूद भी स्वास्थ्य में सुधार होने के बजाय हालत बिगड़ती गई। मरणासन्न अवस्था में परिजन इलाज के लिए रायबरेली ले गए। जहां जांच में पता चला कि डेंगू से पीड़ित है तथा प्लेट्स अपने न्यूनतम स्तर 8000 पर पहुंच चुकी है। कुछ ही घंटे की देरी मरीज के लिए जानलेवा साबित हो जाती। गंभीर हालत में राजेंद्र जायसवाल का इलाज रायबरेली के निजी नर्सिंग होम में चल रहा है। हालांकि अब स्थिति में कुछ सुधार शुरू हो रहा है। राजेंद्र जायसवाल के भाई राजकुमार जायसवाल ने हेमंत नर्सिंग होम के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी च सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालाकांकर समेत मानिकपुर थाने में तहरीर देकर वैधानिक कार्रवाई की मांग की है।