Home इटावा जैन मंदिर मे चतुर्थी का पर्व श्रद्धा व भक्ति से मनाया गया

जैन मंदिर मे चतुर्थी का पर्व श्रद्धा व भक्ति से मनाया गया

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जसवंतनगर/इटावा। दसलक्षण पर्व के अंतिम दिन श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में अनंत चतुर्दशी का पर्व श्रद्धा व भक्ति भाव के साथ मनाया गया भोर सुबह जैन ध्वजा के साथ नगर भृमण किया गया जिसमें सैकड़ो बच्चों के साथ युवा जन रहे। ध्वजा में अंकित जैन द्वारा आज अहिंसा का झंडा दुनियां में फहराना है गीत गाये गए। वापस आने पर प्रतिदिन मोहित व नीरज जैन फड़डू द्वारा बच्चों के उत्साहवर्धन हेतू फल व दैनिक सामग्री बॉटते हुए व्यवस्थाओं को देखा तत्पश्चात पूरी तादाद में जैन समाज के लोग मंदिर पहुँचे। सर्व प्रथम अभिषेक व दिव्य शांति धारा करने का महा सौभाग्य एकांश जैन प्रथम जैन परिवार को प्राप्त हुआ। तत्पश्चात अनंतनाथ भगवान की पूजा बासुपूज्य भगवान का निर्वाण लाडू अर्पित किया गया,दोपहर होते-होते पारंपरिक तरीके से पड़ी जाने वाली पुकारपच्चीसी फेरी हुई, इस दौरान 5 साल से लेकर युवा बड़े बुजुर्गों ने उपवास किया ,किसी ने एकासन तो किसी ने निर्जल उपवास किया। जैन धर्म में त्याग की उत्तम भावना भायी जाती है। इसी क्रम में शाम की आरती भक्ति के साथ समापन हुआ। इस प्रकार आज दस दिन के दसलक्षण का समापन हो गया प्रत्येक दिन सामूहिक पूजा गुरुभक्त आशीष जैन व प्रखर जैन सचिन जैन रोहित जैन, नितिन जैन के गायन में सम्पन्न हुई रानीपुर से पधारे प्रखर वक्ता बाल ब्रह्मचारी राहुल भइया ने चर्चा करते हुए बताया कि आज दसलक्षण धर्म का अंतिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य यानि ब्रह्म स्वरूप को आत्मा में लीन करना है। उसका आस्वादन करना ही वास्तविक उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म है। उत्तम ब्रह्मचर्य सभी जीवों को अपने अंतरंग में धारण करना चाहिए। उम्र में अपने से बड़ी स्त्रियों को माता के समान और छोटी आयु की स्त्रियों को बहन और बेटी के समान देखना चाहिए।