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जहां महादेव क कृपा हो जाला उ धरती अइसे ही समृद्ध हो जाले-आप सब परिवार के लोगन के हमार प्रणाम- पीएम नरेन्द्र मोदी

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VARANASI: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दूसरे दिन आज शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में सांसद खेलकूद, सांसद फोटोग्राफी, सांसद ज्ञान और सांसद संस्कृत प्रतियोगिता के विजेताओं से संवाद किया। पिछले 10 वर्षों में काशी का चौहूमुखी विकास हुआ है।भोजपुरी अंदाज में भाषण की शुरूआत करते हुए कहा कि आप सब परिवार के लोगन के हमार प्रणाम। महामना के इस प्रांगण में सभी विद्वानों खासकर युवा विद्वानों के बीच आकर ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाने जैसा अनुभव हो रहा है।काशी सर्व विद्या की राजधानी है। आज इसका सामर्थ्य ओर स्वरूप फिर से संवर रहा है। ये पूरे देश के लिए गौरव की बात है।सांसद ज्ञान प्रतियोगिता और फोटोगाफी के विजेताओं को उनके परिश्रम और प्रतिभा के लिए बधाई देते हुए कहा कि आप काशी की ज्ञान परंपरा का हिस्सा बने, प्रतियोगिता में शामिल हुए। ये अपने आप में बहुत बड़ा गौरव है।आज यहां इस पर दो बुकलेट भी लांच की गई है। इसमें यहां हुए विकास के हर पड़ाव और संस्कृति का वर्णन किया गया है। इसके अलावा जितनी भी प्रतियोगिता काशी में आयोजित की गई है। उनपर भी छोटी-छोटी पुस्तकें लांच की गई है।जहां महादेव क कृपा हो जाला उ धरती अइसे ही समृद्ध हो जाले। इस समय महादेव खूब प्रसन्न हैं। इसलिए महादेव के आशीष के साथ 10 साल में काशी में चारों ओर विकास का डमरू बजा है। फोटोग्राफी प्रदर्शनी की चर्चा करते हुए कहा कि मंच पर आने से पहले काशी सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता की गैलरी देखा। काशी कितनी तेजी से बदली है, उसे आप सबने साक्षात देखा है।बाबा जौन चाह जालन ओके के रोक पावेला। यही लिए बनारस में कुछ उत्सव होला लोग हाथ उठा के बोलेलन नमरू पार्वती पतये हर हर महादेव। काशी के केवल आस्था का तीर्थ नहीं, ये भारत की शास्वत चेतना का जागृत केंद्र है।काशी जैसी तीर्थ और विश्वनाथ धाम जैसे मंदिर ही राष्ट्र की पगति की यज्ञशाला हुआ करती थी। यहां साधना भी होती थी और साश्त्रार्थ होते थे। संवाद और शोध होते हैं। संस्कृत के स्रोत भी थे, साहित और संगीत की सरिताएं भी थीं। उन्होने कहा कि भारत ने जितने भी नये विचार और विज्ञान दिये उनका संबंध किसी न किसी सांस्कृतिक केंद्र से थे। काशी शिव की नगरी है और बुद्ध के उपदेशों की भूमि है। काशी जैन तीर्थंकरों की भूमि है और आदि शंकराचार्य को भी यहां से बोध मिला है। दुनिया के कोने कोने से लोग ज्ञान शोध और शांति की तलाश में काशी आते हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के वक्त मैंने कहा था कि ये धाम भारत को निर्णायक दिशा देगा। भारत को उज्ज्वल भविष्य की ओर लेकर जाएगा। आज ये दिख रहा है।काशी तमिल संगमम और गंगा पुष्करलु जैसे आयोजन से एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान का हिस्सा बना है। काशी के विद्वानों और विद्वत परिषद् द्वारा आधुनिक विज्ञान के लिए नये शोध किये जा रहे हैं। जल्द ही मंदिर न्यास शहर के कई स्थानों पर निरूशुल्क भोजन की भी व्यवस्था करने जा रहा है। मंदिर यह सुनिश्चित करेगा कि मां अन्नपूर्णा की नगरी में कोई भूखा नहीं रहेगा।यहां से निकले युवा पूरे विश्व में भारतीय ज्ञान परंपरा और संस्कृति के ध्वज वाहक बनेंगे। बाबा विश्वनाथ की ई धरती विश्व कल्याण के संकल्प क साक्षी भूमि बनी। हमारे ज्ञान विज्ञान और आध्यात्म के उत्थान में जिन भाषाओं का सबसे ज्यादा योगदान रहा है।यूपी के कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ा जो रहा है।इसी आत्मविश्वास के साथ विकास को नई रफ्तार देगा। सफलताओं के नए प्रतिमान गढ़ेगा। ये मोदी की गारंटी है। आप भी जानते हैं कि मोदी की गांरंटी यानी गारंटी पूरा होने की गारंटी हैं।