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जल संरक्षण के लिए जल सहेलियों के प्रयास सराहनीय:सूर्य प्रताप शाही

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जल कथा के अंतिम दिन पूर्ण आहूति के साथ संपन्न हुआ वरुण यज्ञ

JHANSI: जल कथा के समापन के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा जल संरक्षण का यह प्रयास सराहनीय है। जल सहेलियों ने गांव-गांव जागरूकता फैलाकर जो कार्य किया है, वह प्रेरणास्पद है।उन्होंने कहा कि जल केवल मानव ही नहीं, जीव-जंतुओं और धरती की सेहत के लिए भी आवश्यक है। “हमारा शरीर पंचतत्वों से बना है, जिनमें जल व वायु अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए जल बचाना होगा। उन्होंने रसायनिक खेती पर चिंता जताई और जैविक खेती की आवश्यकता बताई। बीमार जमीन अन्न नहीं दे सकती, इसलिए हमें जल और जमीन दोनों को बचाना है।” आज जल कथा के समापन दिवस पर कथा व्यास साध्वी सरिता गिरि ने वरुण देव की कथा सुनाई—कैसे उन्होंने अपने ही पुत्र भृगु की परीक्षा ली, जब भृगु ने उनसे भ्रम तत्व को जानने की जिज्ञासा की। कथा में सोनभद्र के एक गाँव का उल्लेख करते हुए बताया गया कि किस प्रकार वहाँ के निवासियों ने मिलकर अपने गाँव को पानीदार बना दिया।
इसी क्रम में परमार्थ संस्था के सचिव संजय सिंह द्वारा जल सहेलियों के नेतृत्व में बुंदेलखंड को पानीदार बनाने के प्रयासों की सराहना की गई। जल सहेलियों द्वारा किए जा रहे कार्यों से न केवल जन-जागरूकता फैली है, बल्कि गाँवों की तस्वीर भी बदली है।
कथा के अंतिम दिन कृषि विभाग द्वारा कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें कृषि विभाग, परमार्थ संस्था, एनआरएलएम और अटल भूजल योजना द्वारा स्टॉल लगाए गए। वहीं, वरुण यज्ञ में पूर्णाहुति अर्पित की गई और पर्यावरण सिद्धि की कामना की गई। समापन के उपरांत श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया गया।
जल सहेली फाउंडेशन के संस्थापक  संजय सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “यह केवल एक कथा का समापन नहीं, बल्कि जल संरक्षण की यात्रा की निरंतरता है। यह जल कथा अनवरत चलती रहेगी और बुंदेलखंड में जल चेतना को प्रसारित करती रहेगी।”
नगर पंचायत तालबेहट के अध्यक्ष पुनीत सिंह परिहार ने कहा, “नगर में पहली बार संपन्न हुई इस जल कथा से लोगों में जल के प्रति जागरूकता बढ़ी है। जल सहेलियों द्वारा मानसरोवर तालाब में किए गए श्रमदान से तालाब की सूरत बदल गई है।”
समापन अवसर पर विशिष्ट अतिथियों में ललितपुर विधायक रामरतन कुशवाहा, भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल वैद्य, वरिष्ठ समाजसेवी मोहम्मद नईम, समाजसेविका निशा कंचन, सचिन पाटिल (दिल्ली) और बालक योगी (लखनऊ) उपस्थित रहे।
कथा के अंतिम दिन हजारों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।