Home उत्तर प्रदेश चेहल्लुम पे निकाले गये ताजिये कर्बला में हुए सुपुर्द-ए-खाक

चेहल्लुम पे निकाले गये ताजिये कर्बला में हुए सुपुर्द-ए-खाक

अलम , जुल्फिकार व काबा ,मदीना की झांकियां आकर्षक का थी मुख्य केन्द्र बिन्दू

इटावा। हजरत इमाम हुसैन एवं शहीदाने कर्बला की यादगार में सड़कों पे उमड़ा जनसैलाब, सुन्नी समुदाय की ओर से ताजियत में चैहल्लूम पर विभिन्न इमामबारगाहों से ताजिये उठाये गये जिन्हे स्थानीय बाइस ख्वाजा स्तिथ कर्बला में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया ।
इससे पूर्व विभिन्न इमामबाड़ो और इमामबारगाहों में जिक्रे शहादतैन और कुरान ख्वानी हुई। इसके बाद ताजिया उठाने का सिलसिला शुरू हुआ। उक्त ताजिये स्थानीय रामगंज चौराहा पे एकत्रित हुए जहां पर बारह अखाड़ों के उस्ताद और खलीफाओं ने मय अपने शिष्यों के, शागिर्दों के साथ सलामी पेश की तथा अपने हुनर व करतवों का प्रदर्शन किया । सभी ताजियोदार अपने अलम ध्वज लिये हुए थे। इनमें जुल्फिकार भी थे जिनमें चमचमाती तलवारें लटक रही थी । जिनमें अकीदतमंद श्रद्धालुजन मन्नती चांदी का नींबू चढ़ा रहे थे। रामगंज चौराहा से
ताजियों , अलम व जुल्फिकारों का काफिला एक जुलूस के रूप में कर्बला की ओर चला। जुलूस मार्ग पर लंगर , चाय , काफी व आइस्क्रीम व शरबत के स्टॉल लगाये गये थे। जो जगह जगह लंगर आदि वितरित कर रहे थे । जुलूस में काबा शरीफ , मदीना शरीफ व कर्बला की कई सुसज्जित झाकियां भी थी। जिनके दर्शन के लिये जनसैलाब सड़कों पे उमड़ पड़ा ।
ताजिया जुलूस में कौमी तहफ्फुज कमेटी के संयोजक खादिम अब्बास , नगर पालिका परिषद के पूर्व चैयरमेन फुरकान अहमद खां , दरगाह अबुल हसन वारसी के प्रबंधक हसनैन हसन वारसी (हनी), वरिष्ठ पत्रकार मसूद तैमूरी, इंसानी भाईचारा बनाओ समिति के अध्यक्ष आमीन भाई, मानव हिन्द एकता समिति के अध्यक्ष अजहरुद्दीन, हाजी मुईनउद्दीन (गुड्डू हाजी जी मंसूरी), आलम चौधरी(आर.टी.आई. एक्टिविस्ट) आदि की उपस्तिथि उल्लेखनीय रही। जुलूस में पुलिस एवं प्रशासनिक व्यवस्था चाक-चौबंद थी।