PRAYAGRAJ करैली के रहने वाले पिता नाज़िम व मां सबा खान की आठ वर्षीय पुत्री आयशा जो गर्ल्स हाई स्कूल में कक्षा तीन की छात्रा है और इस वर्ष पुरे रोज़े रख रही है। सुबहा उठ कर सहरी करना और पुरे दिन दादी शाहीन से मज़हबी मालूमात हासिल करना और नमाज़ अदा करना इस वक्त इसकी दिनचर्या में शामिल है। मग़रिब की अज़ान होते ही सभी के लिए दुआ मांगना और फिर रोज़ा खोलना यही आज कल आयशा लगातार माहे रमज़ान के मौक़े पर अन्जाम दे रही हैं। वहीं इनकी देखा देखी इनके छोटे भाई अली जो मात्र चार साल के ही हुए हैं और इस बार उनका दाखिला सेंट जोसेफ कालेज में कक्षा एल के जी में हुआ है।लेकिन यह अपने माता पिता से अड़ गए की मैं भी आपा आयशा की तरहा रोज़ा रखूंगा।दादी शाहीन ने सख्त मना कर दिया कि अभी तुम्हारी उम्र नहीं हुई है रोज़ा रखने की जब बड़े होना तब रखना। लेकिन अली पर तो जुनून तारी था की जब मेरी बड़ी बहन रख सकती है तो मैं कैसे नहीं रक्खूं। आख़िरकार मां बाप दादी सब उसकी ज़िद के आगे झुक गए और अली ने रख लिया पहला रोज़ा। बच्चे के रोज़ा रखने पर आनन फानन में रोज़ा इफ्तार का इन्तेज़ाम कर रिश्तेदारों और दोस्त अहबाब को बुलाया गया सब ने एक साथ रोज़ा खोला और बच्चे अली को दुआओं से नवाज़ते हुए तोहफे भी दिए।