Home उत्तर प्रदेश चांद खम्हरिया में कुलांचे भरेंगे चिंकारा और चीतल

चांद खम्हरिया में कुलांचे भरेंगे चिंकारा और चीतल

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PRAYAGRAJ: ककरोड़ो की लागत से बनाई गई काले हिरन पार्क से वन्यजीव अभयारण्यों को लाभ नहीं मिल पा रही है। खीरी के चांद खम्हरिया गांव स्थित प्रदेश के पहले ब्लैक बक रिजर्व कंजर्वेशन में जल्द काले हिरनों के साथ चिंकारा, चीतल, चैसिघा, बारहसिंघा, सांभर व पाड़ा भी कुलांचे भरेंगे। दुर्लभप्रजाति ये हिरन गुजरात के भावनगर स्थित वेलावदार ब्लैकबक नेशनल पार्क से मंगाए जाएंगे। ईको टूरिज्म को बढावा देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से इस रिजर्व कंजवैशन को वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन ( ओडीओडी) के तहत चुना गया है। इसके अंतर्गत ही प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा भी जा रहा है। लेकिन भरकम खूबसूरत काले हिरनों संरक्षण नहीं मिलने पर उन्हें दिक्कत उठानी पड़ रही है। ब्लैक बक रिजर्व कंजवैशन चांद खम्हरिया में लगभग 550 काले हिरनों की वन विभाग की ओर से गणना की गई है। कुछ वर्षों से इनका कनबा बढ़ रहा है। लेकिन संख्या में वृद्धि अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। इसे नेशनल स्तर के पार्क का रूप दिया जा सके। अब ईकी टूरिज्म को बढावा देने की पहल शुरू हुई तो इस रिजर्व कंजवैशन को ईको टूरिज्म प्लैश के रूप में विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। जबकि मानकू के अनुरूप व्यवस्था न होने पर इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। इसके लिए यह जरूरी है कि यहां काले हिरनों की संख्या बढ़ाई जाए । साथ ही अन्य दुर्लभ हिरनों को भी यहाँ संरक्षित किया जा सके। चूंकि हिरनों के लिए इस क्षेत्र का माहौल इतना बेहतर है कि यहां पर इनका संरक्षण आसानी से किया जा सकता है। वन रेंज अजय सिंह ने बताया कि इस भावनगर से कई प्रजातियों के काले हिरनों को ले आने की योजना तैयारी की गई है लेकिन अभी कुछ समय लग सकता है। बेहद आकर्षक दिखने वाला इन हिरनों के आने से यहाँ सैलानियों की तादाद बढ़ेगी तो स्थानीय स्तर पर आर्थिक प्रगति भी होगी। इसलिए रिजर्व कंजवैशन के पास फूड कोर्ट रूकने के लिए रेस्ट रूम की व्यवस्था की जाएगी ।